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  1. सूरदास ( संस्कृत : सूरदास , रोमानी भाषा में : सूरदास ) 16वीं सदी के हिंदू भक्ति कवि और गायक थे, जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखे गए अपने ...

  2. सूरदास की जीवनी, इतिहास, रचनाएँ और उनसे जुडी कहानियाँ | Krishna Devotee Surdas Biography, History, Poetry and Stories Related to Him in Hindi. हिंदी भाषा का इतिहास लगभग दो हजार साल पुराना ...

  3. सूरदास जीवनी - Biography of Surdas in Hindi Jivani. सूरसागर में लगभग एक लाख पद होने की बात कही जाती है। किन्तु वर्तमान संस्करणों में लगभग पाँच हजार पद ही ...

  4. सूरदास की सर्वसम्मत प्रामाणिक रचना ' सूरसागर ' है। एक प्रकार से 'सूरसागर' जैसा कि उसके नाम से सूचित होता है, उनकी सम्पूर्ण रचनाओं का संकलन कहा जा सकता है। [2] 'सूरसागर' के अतिरिक्त ' साहित्य लहरी ' और ' सूरसागर सारावली ' को भी कुछ विद्वान् उनकी प्रामाणिक रचनाएँ मानते हैं, परन्तु इनकी प्रामाणिकता सन्दिग्ध है। [3] सूरदास के नाम से कुछ अन्य तथाकथित...

  5. विशेष तथ्य(Surdas in Hindi) 1. सूरदास जी को ’खंजननयन, भावाधिपति, वात्सल्य रस सम्राट्, जीवनोत्सव का कवि पुष्टिमार्ग का जहाज’ आदि नामों (विशेषणों ...

  6. Nov 3, 2023 · संत सूरदास एक महान भक्त और दिव्य-कवि थे। महाप्रभु श्रीवल्लभाचार्य के शब्दों में कहा जाएं तो वह भक्ति के सागर थे और गोसाईं विठ्ठलनाथ के मत में पुष्टि-मार्ग के वाहक (जहाज) के समान थे। उनका ‘सूर-सागर’ भक्ति रचना का खजाना है। सूरदास का जन्म दिल्ली के पास एक छोटे से गाँव में एक गरीब ब्राह्मण के परिवार में हुआ था। सूरदास के जन्म के समय वहां एक तेज रोश...

  7. Surdas Biography in Hindisurdas jeevani in hindi. भक्तिकाल को भारत का स्वर्णकाल माना जाता है। यही वो दौर था, जब दक्षिण भारत से शुरू हुआ भक्ति आंदोलन बेहद कमसमय ...

  8. Jun 14, 2023 · Surdas Jeevan Parichay Biography : surdas ki jivani in hindi. सूरदास जी की रचनाओं में सूरसागर, सूरसारावली और साहित्य लहरी को ही विद्वानों ने प्रमाणिक रूप से मान्यता दी हैं.

  9. May 9, 2022 · Biography of Surdas in Hindi: सूरदास जी ने अपनी रचनाओं में श्री कृष्ण की लीलाओं का मार्मिक और विस्तारपूर्वक वर्णन किया है।

  10. Jun 9, 2019 · सूरदास जी एक महान कवि ही नहीं बल्कि एक अ्च्छे संत एवं महान संगीतकार भी थे। वे अपने नाम की तरह ही सूर के दास ही थे, जिनके प्रेरणात्मक जीवन में कृष्ण की भक्ति और संगीत का सुर था।.