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  1. May 11, 2017 · आइये आज AchhiKhabar.Com पर हम महाकवि बिहारी के 20 प्रसिद्द दोहों का अर्थ सहित संकलन देखते हैं: 1. दृग उरझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर-चित्त प्रीति।. परिति गांठि दुरजन-हियै, दई नई यह रीति।।.

    • कक्षा 10 हिंदी पाठ 3 बिहारी के दोहे
    • बिहारी के दोहे पाठ प्रवेश
    • बिहारी के दोहे पाठ सार
    • बिहारी के दोहे पाठ की व्याख्या
    • बिहारी के दोहे Ncert Solutions

    मांजी,पौंछी,चमकाइ ,युत -प्रतिभा जतन अनेक। दीरघ जीवन ,विविध सुख ,रची ‘सतसई ‘ एक।। अर्थात मांज कर ,पौंछ कर और चमका कर अनेक प्रयास करने के बाद ऐसी प्रतिभा सामने आइ हैं ,लंबा जीवन, अनेक सुख वाले बिहारी ने एक ग्रंथ ‘बिहारी सतसई ‘की रचना की। ‘बिहारी सतसई ‘में सात सौ दोहे हैं। दोहा जैसे छोटे से छंद में गहरे अर्थों को कहने के कारण कहा जाता है कि बिहारी थोड...

    प्रस्तुत दोहे कविवर बिहारी द्वारा रचित ग्रन्थ ‘बिहारी सतसई‘से लिए गए हैं। इसमें कवि ने भक्ति ,नीति व् श्रृंगार भाव का सुन्दर मेल प्रस्तुत किया है। पहले दोहे में कवि कहते हैं कि श्री कृष्ण के नीलमणि रूपी साँवले शरीर पर पीले वस्त्र रूपी धूप अत्यधिक शोभित हो रही है। दूसरे दोहे में कवि भयंकर गर्मी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि गर्मी के कारण जंगल तपोवन ...

    काव्यांश 1) सोहत ओढ़ैं पीतु पटु स्याम ,सलौनैं गात। मनौ नीलमनि -सैल पर आतपु परयौ प्रभात।। शब्दार्थ सोहत – अच्छा लगनाओढ़ैं – ओढ़ करपितु – पीलापटु – कपड़ागात – शरीरनीलमनि -सैल — नीलमणि का पर्वतआतपु – धूपप्रभात- सुबह प्रसंग –: प्रस्तुत दोहा हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘स्पर्श ‘ से लिया गया है। इसके कवि बिहारी हैं। यह दोहा उनकी रचना ‘बिहारी सतसई ‘ से लिया ...

    क ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – प्रश्न 1 -: छाया भी कब छाया ढूंढ़ने लगती है ? उत्तर -:कवि कहता है कि जून के महीने में गर्मी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि छाया भी छाया की तलाश करने के लिए घने जंगलों व घरों के अंदर चली जाती है अर्थात छाया भी गर्मी से परेशान हो कर छाया की तलाश करती है। प्रश्न 2 -: बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है कि ‘कहि है सबु त...

  2. बिहारी का एक बड़ा प्रसिद्ध दोहा है: चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न स्नेह गम्भीर।. को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर॥. अर्थात: यह जोड़ी चिरजीवी हो। इनमें क्यों न गहरा प्रेम हो, एक वृषभानु की पुत्री हैं, दूसरे बलराम के भाई हैं। दूसरा अर्थ है: एक वृषभ (बैल) की अनुजा (बहन) हैं और दूसरे हलधर (बैल) के भाई हैं। यहाँ श्लेष अलंकार है।.

  3. Jan 27, 2022 · 51+ बिहारी के दोहे हिंदी अर्थ सहित Bihari Ke Dohe with Meaning in Hindi. कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए जग, वा पाए बौरा।. व्याख्या – बिहारी लाल ...

  4. Jun 14, 2023 · बिहारी के दोहे (1) मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ |. जा तन की झाइं परे, स्यामु हरित-दुति होई ||. दोहे का हिंदी अर्थ. वे चतुर राधा मेरी सांसारिक बाधा को दूर करे, जिनके शरीर की परछाई पड़ने से श्री कृष्ण के शरीर की आभा निष्प्रभ हो जाती हैं. बिहारी दोहा (2) करौ कुवत जगु कुटिलता तजौ न दीनदयाल |. दुखी हो हुगे सरल हिय बसत त्रिभंगी लाल ||. दोहा अर्थ.

  5. Bihari Ke Dohe With Meaning in Hindi. जीवन परिचय: नाम: महाकवि बिहारीलाल, बिहारी. जन्म: बिहारी का जन्म ग्वालियर के माथुर चौबे वंश में 1595 र्इ. के हुआ था।. पिता का नाम: केशवराय. मृत्यु: 1664. कर्म-क्षेत्र: हिन्दी कवि, बिहारी हिंदी के रीति काल के प्रसिद्ध कवि थे।. मुख्य रचनाएँ: ‘बिहारी सतसई’ इसमें 719 दोहे संकलित हैं।.

  6. Nov 20, 2019 · 615K subscribers. Subscribed. 2.8K. 199K views 4 years ago. रीति काल के महाकवि बिहारीलाल के 20 प्रसिद्द दोहे जो अपनी रचना सतसई के लिए जाने जाते हैं। 20 famous couplets of Mahakavi Bihari Lal of...

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