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फणीश्वर नाथ 'रेणु' (4 मार्च 1921, औराही हिंगना, फारबिसगंज - (11अप्रैल 1977) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी , जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।. जीवनी.
Dec 2, 2023 · योगदान. फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ का जीवन उतार-चढ़ावों व संघर्षों से भरा हुआ था।. उन्होंने अनेक राजनीतिक व सामाजिक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई तथा 1950 में नेपाल के राणाशाही विरोधी आंदोलन में नेपाली जनता को दमन से मुक्ति दिलाने के लिए भी अपना योगदान दिया।.
फणीश्वरनाथ रेणु को हिंदी साहित्य में एक आँचलिक युग की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। यद्यपि आँचलिकता की प्रवृति का आरंभ प्रेमचंद युग से ही दृष्टिगोचर होने लगा था और आँचलिक उपन्यासों की विधा का सूत्रपात भी हो चुका था, लेकिन रेणु के उपन्यासों और कहानियों के साथ इसका पूर्ण विकास हुआ। उन्होंने अपने उपन्यास और कहानियों में ग्रामीण जीवन का गहन रागात्म...
Phanishwar Nath Renu Biography in Hindi: आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘फणीश्वर नाथ रेणु’ (Phanishwar Nath Renu) प्रसिद्ध आंचलिक साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं। उनकी ...
Aug 17, 2020 · ‘...अरे, सिरचन भाई! अब तो तुम्हारे ही हाथ में यह कारीगरी रह गई है सारे इलाक़े में. एक दिन भी समय निकाल कर चलो.’. ‘कल बड़े भैया की चिट्ठी आई है शहर से-सिरचन से एक जोड़ा चिक बनवा कर भेज दो.’. मुझे याद है... मेरी मां जब कभी सिरचन को बुलाने के लिए कहती, मैं पहले ही पूछ लेता,‘भोग क्या क्या लगेगा?’.
#हिंदी #hindinovels #hindisahitya इस वीडियो में बता रहे हैं हिंदी कथा साहित्य के महत्वपूर्ण रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु के बारे में.'रेणु' का जन्म 4 मार्च 1921 ...
Aug 6, 2023 · फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी के प्रथम आंचलिक कथा शिल्पी के रूप में विख्यात हुए थे। इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह हैं- ठुमरी, अगिनखोर, आदिम रात्रि की महक, तीसरी कसम। ‘तीसरी कसम’ उर्फ ‘मारे गए गुलफाम’ कहानी पर तो राजकपूर ने बहुचर्चित फिल्म का निर्माण भी किया है।.
फणीश्वरनाथ रेणु (अंग्रेज़ी: Phanishwarnath 'Renu', जन्म: 4 मार्च, 1921 - मृत्यु: 11 अप्रैल, 1977) एक सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार थे। हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार फणीश्वरनाथ 'रेणु' का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के पूर्णिया ज़िला के 'औराही हिंगना' गांव में हुआ था। रेणु के पिता शिलानाथ मंडल संपन्न व्यक्ति थे। भारत के स्वाधीनता संघर्ष...
5 Min Read. हिंदी भाषा के प्रसिद्ध आंचलिक कथाकार व विचारक फणीश्वर नाथ रेणु ने अपनी लेखनी में हिंदी गद्य साहित्य की श्री वृद्धि की है। प्रेमचंद्र के "गोदान" के बाद फणीश्वर नाथ रेणु का "मैला आंचल" हिंदी साहित्य का महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है जिसे पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है।. जीवन परिचय (Phanishwar Nath Renu Life Introduction)
Phanishwar Nath Renu is best known for promoting the voice of the contemporary rural India through the genre of Aanchalik Upanyas ('regional story'), and is placed amongst the pioneering Hindi writers who brought regional voices into the mainstream Hindi literature.