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  1. भाषागत विशिष्टताएँ. कालिदास वैदर्भी रीति के कवि हैं और उन्होंने प्रसाद गुण से पूर्ण ललित शब्दयोजना का प्रयोग किया है। प्रसाद गुण ...

  2. कालिदास की कविता की प्रमुख विशेषता है कि वह चित्रों के निर्माण में सबकुछ न कहकर भी अभिव्यंजना द्वारा पूरा चित्र खींच देते हैं। जैसे:

    • जीवन परिचय
    • कालिदास द्वारा शूरसेन जनपद का वर्णन
    • वृन्दावन और गोवर्धन का वर्णन
    • कालिदास का साहित्य
    • रचनाएँ

    महाकवि कालिदास कब हुए और कितने हुए इस पर विवाद होता रहा है। विद्वानों के अनेक मत हैं। 150 वर्ष ईसा पूर्व से 450 ईस्वी तक कालिदास हुए होंगे ऐसा माना जाता है। नये अनुसंधान से ज्ञात हुआ है कि इनका काल गुप्त काल रहा होगा। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों की रचना के पश्चात् संस्कृत साहित्य के आकाश में अनेक कवि-नक्षत्रों ने अपनी प्रभा प्रकट की, पर नक्षत...

    महाकवि कालिदास चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के समकालीन माने जाते हैं। रघुवंश में कालिदास ने शूरसेन जनपद, मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन तथा यमुना का उल्लेख किया है। इंदुमती के स्वयंवर में विभिन्न प्रदेशों से आये हुए राजाओं के साथ उन्होंने शूरसेन राज्य के अधिपति सुषेण का भी वर्णन किया है । मगध, अंसु, अवंती, अनूप, कलिंग और अयोध्या के बड़े राजाओं के बीच शूरसेन ...

    कालिदास द्वारा उल्लिखित शूरसेन के अधिपति सुषेण का नाम काल्पनिक प्रतीत होता है। पौराणिक सूचियों या शिलालेखों आदि में मथुरा के किसी सुषेण राजा का नाम नहीं मिलता। कालिदास ने उन्हें 'नीप-वंश' का कहा है । परंतु यह बात ठीक नहीं जँचती। नीप दक्षिण पंचाल के एक राजा का नाम था, जो मथुरा के यादव-राजा भीम सात्वत के समकालीन थे। उनके वंशज नीपवंशी कहलाये। कालिदास ...

    कालिदास संस्कृत साहित्य और भारतीय प्रतिभा के उज्ज्वल नक्षत्र हैं। कालिदास के जीवनवृत्त के विषय में अनेक मत प्रचलित हैं। कुछ लोग उन्हें बंगाली मानते हैं। कुछ का कहना है, वे कश्मीरी थे। कुछ उन्हें उत्तर प्रदेश का भी बताते हैं। परंतु बहुसंख्यक विद्वानों की धारणा है कि वे मालवा के निवासी और उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य के नव-रत्नों में से एक थे। विक...

    कालिदास रचित ग्रंथों की तालिका बहुत लंबी है। पर विद्वानों का मत है कि इस नाम के और भी कवि हुए हैं जिनकी ये रचनाएं हो सकती हैं। विक्रमादित्य के नवरत्न कालिदास की सात रचनाएं प्रसिद्ध है। इनमें से चार काव्य-ग्रंथ हैं- 1. रघुवंश 2. कुमारसंभव 3. मेघदूत 4. ऋतुसंहार। तीन नाटक हैं- 1. अभिज्ञान शाकुंतलम् 2. मालविकाग्निमित्र 3. विक्रमोर्वशीय। इन रचनाओं के का...

  3. मेघदूतम् महाकवि (Great poet) कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य (Ambassador) है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर ...

  4. May 24, 2023 · वंश के नायक रघु, एक महान राजा के गुणों का उदाहरण हैं। उनके शासनकाल की पहचान समृद्धि, न्याय और सैन्य कौशल से है, जो उनके ...

  5. Oct 3, 2022 · कालिदास की रचनाएँ साहित्य-कला के विद्यार्थियों को दर्शन, काव्य-परम्परा, दूरदृष्टि, सामान्य ज्ञान और जनजीवन का वृहत् बोध कराती हैं ...

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  7. Sep 27, 2021 · अभिज्ञानशाकुंतलम राजा दुष्यंत की कहानी बताता है, जो शिकार यात्रा पर एक ऋषि की दत्तक पुत्री शकुंतला से मिलता है और उससे शादी करता है ...