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  1. मातंगिनी हाजरा (19 अक्टूबर 1870 [1]) भारत की क्रान्तिकारी थीं। उन्हें 'गाँधी बुढ़ी' के नाम से जाना जाता था। [2]

  2. Dec 13, 2021 · मातंगिनी हाज़रा (19 अक्टूबर 1870 - 29 सितंबर 1942) एक भारतीय क्रांतिकारी थीं, जिन्होंने 29 सितंबर 1942 को तमलुक पुलिस स्टेशन (पूर्व में मेदिनीपुर जिले के) के सामने ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या करने तक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था।.

  3. Aug 26, 2023 · मातंगिनी हाजरा. इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐसी स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें भगत सिंह, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसी लाइमलाइट भले ही नहीं मिली. मगर उनका योगदान उनसे कम नहीं रहा. 72 साल की उम्र में भी जिस तरह से उन्होंने अंग्रेजों का मुकाबला किया और आखिरी सांस तक तिरंगे को झुकने नहीं दिया वह उन्हें दूसरों से एकदम अलग करता है.

  4. Oct 19, 2022 · Matangini Hazra: वो जाबांज़ महिला जो 73 की उम्र में देश के लिए अंग्रेज़ों की गोलियों के सामने चट्टान बनकर खड़ी हो गई थी. मातंगिनी हाज़रा उन चुनींदा स्वतंत्रता सेनानियों में से हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. 73 की उम्र में मातंगिनी ने 6000 भारतीयों के साथ भारत छोड़ों आंदोलन के तहत मिदनापुर में पदयात्रा निकाली.

  5. Oct 20, 2023 · मातंगिनी हाजरा को प्यार से "गांधी बूढ़ी" के नाम से जाना जाता है। गांधी बूढ़ी का नाम उन्हें इसलिए दिया गया क्योंकि गाँधी जी के जीवन, कार्य और उनकी बातों से मातंगिनी हाजरा काफी प्रभावित थीं। स्वतंत्रता आंदोलन में जम कर हिस्सा लेने वाले वे केवल एक साधारण महिला नहीं थीं; बल्कि वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान साहस, दृढ़ संकल्प और अटूट देशभक्ति...

  6. मातंगिनी हज़ारा ( अंग्रेज़ी: Matangini Hazra; जन्म- 19 अक्टूबर, 1870, पश्चिम बंगाल; शहादत- 29 सितम्बर, 1942) भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली बंगाल की वीरांगनाओं में से थीं। भारतीय इतिहास में उनका नाम बड़े ही मान-सम्मान के साथ लिया जाता है। मातंगिनी हज़ारा विधवा स्त्री अवश्य थीं, किंतु अवसर आने पर उन्होंने अदम्य शौर्य और...

  7. Mar 8, 2022 · मातंगिनी हाज़रा: वो वीरांगना, जिसने गोलियां लगने के बाद भी भारतीय तिरंगे को झुकने नहीं दिया था. Nripendra. Matangini Hazra : आज़ादी के लिए अंग्रेज़ों के विरूद्ध लड़ी गई लड़ाई की बात आते ही...

  8. Mar 29, 2022 · मातंगिनी हाजरा एक भारतीय क्रांतिकारी थीं, जिन्होंने 29 सितंबर 1942 को तमलुक पुलिस स्टेशन के सामने ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने तक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। जब वीरांगना पर गोलियां चली थी तब उनके हाथ में तिरंगा था गोलियां लगने के बाद भी उन्होंने अपने हाथ से तिरंगा गिरने नहीं दिया। भारत में उन्हें लैडी गांधी...

  9. Jul 29, 2022 · मातंगिनी हाजरा एक भारतीय क्रांतिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान, 29 सितंबर 1942 को, तमलुक पुलिस स्टेशन (मिदनापुर जिला) के सामने ब्रिटिश भारतीय पुलिस ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी तब वह सिर्फ 73 साल की थीं।.

  10. Matangini Hazra (19 October 1870 – 29 September 1942) was an Indian revolutionary who participated in the Indian independence movement.