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  1. Feb 5, 2023 · Top Vrind Ke Dohe, Pad And Poems in Hindi With Meaning: वृन्द हिन्दी के कवि थे। रीतिकालीन परम्परा के अन्तर्गत वृन्द का नाम आदर के साथ लिया जाता है। इनके नीति के दोहे ...

  2. Dec 3, 2018 · वृंद-सतसई कवि वृन्द जी की सबसे प्रसद्धि रचनाओं में से एक है जो नीति साहित्य का श्रंगार है। जिसमें 700 दोहे हैं, इसकी भाषा अत्यंत सरल और सुगम है जो कि आसानी से समझी जा सकती है। इन्होंने अपनी रचनाओं में कहावतों और मुहावरों का भी सुंदर ढंग से इस्तेमाल किया है।.

  3. Apr 20, 2022 · Vrind Ke Dohe with Meaning In Hindi – कवि वृन्द का जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले के मेड़ता गाँव में सन 1643 इसवी में हुआ था ! वे महज 10 साल की उम्र में ही काशी चले ...

  4. भावार्थ: कवि वृंद कहते हैं कि जो व्यक्ति जिसके सुख में शामिल होता है, उसी व्यक्ति को उसके दुःख में भी शामिल होना चाहिए, क्योंकि जो व्यक्ति जिस व्यक्ति के सुख रूपी मीठे का उपभोग करता है, उसी व्यक्ति को उसका कडुवा भी खाना चाहिए। अर्थात् सुख−दुःख में समान भाव से पूरित होकर व्यक्ति को एक−दूसरे का सहयोग करना चाहिए। सच्चा मित्र वही होता है।.

  5. Get free Balbharati Solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board Chapter 5.2 वृंद के दोहे solved by experts. Available here are Chapter 5.2 - वृंद के दोहे Exercises Questions with Solutions and detail explanation for your practice before the examination.

  6. वृन्द के दोहे का प्रश्न उत्तर. बहुवैकल्पिक प्रश्न. प्रश्न-1 – ‘दोहावली’ में किस चीज़ की शिक्षा दी गई है ? उत्तर- नीति. प्रश्न-2 – किस तरह के लोगों को आदर मिलता है ? उत्तर- गुणी. प्रश्न-3 – आग को कौन फैलाता है ?

  7. Aug 28, 2024 · Maharashtra State Board 12th Hindi परिशिष भावार्थ : गुरुबानी, वृंद के दोहे. भावार्थ : पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २३, २४ : कविता – गुरुबानी – गुरु नानक.

  8. Aug 14, 2014 · भावार्थ - कवि वृन्द कहते हैं कि जैसे मोर बादलों की गर्जना सुन कर मधुर आवाज में बोलने और नाचने लगता है उसी प्रकार हमारे मन को प्रिय लगने वाले व्यक्ति के मिलने पर हमें असीमित आनन्द की प्राप्ति होती है और हमारी प्रसन्नता की कोई सीमा नहीं रहती है।. (१०) निरस बात, सोई सरस, जहाँ होय हिय हेत।. गारी प्यारी लगै, ज्यों-ज्यों समधन देत।।.

  9. नीकी पै फीकी लगै. भावार्थ: कवि वृंद कहते हैं कि बात अच्छी होने पर भी यदि वह बात बिना मौक़े के कही जाए तो वह बात सुनने वाले को फीकी ही ...

  10. वृन्द के दोहे / भाग १ - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि ...