Yahoo India Web Search

Search results

  1. उपकरण. गोस्वामी श्री तुलसी दास जी. गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान भक्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदिकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।.

  2. Feb 1, 2017 · गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिन्दू संत, समाजसुधारक के साथ ही दर्शनशास्त्र और कई प्रसिद्ध किताबों के भी रचयिता थे। राम के प्रति अथाह प्रेम की वजह से ही वे महान महाकाव्य रामचरित मानस के लेखक बने। तुलसीदास को हमेशा वाल्मिकी (संस्कृत में रामायण और हनुमान चालीसा के वास्वतिक रचयिता) के अवतरण के रुप में प्रशंसा मिली। तुलसीदास ने अपना पूरा जीवन शुरुआत से ...

  3. Feb 2, 2021 · तुलसीदास एक हिंदू कवि-संत थे जो हिंदी, भारतीय और विश्व साहित्य में सबसे महान कवियों में गिने जाते थे। वह भक्ति काल के रामभक्ति शाखा के महान कवि भी थे।.

  4. May 2, 2020 · Tulsidas – गोस्वामी तुलसीदास (हिंदी साहित्य के महान कवि और साहित्यकार) का जन्म 1511 ई० (सम्वत्- 1568 वि०) में राजापुर, कासगंज उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। (जन्म को लेकर एक राय नहीं है ) इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे था, माता का नाम हुसली था, पत्नी रत्नावली थी। यह एक अच्छे कवि और समाजसुधारक भी थे। इनके गुरु का नाम आचार्य रामानंद था। यह हिन्दू ...

  5. तुलसीदास जी के जन्म की कथा ही अद्भुत है जो उनके महापुरुष होने का उनके जन्म के समय ही इंगित करती है। आज के भारत वर्ष के उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले में राजापुर नाम का एक गांव है जहां तुलसीदास जी के पिता, आत्मा राम दुबे निवास करते थे। वे एक सम्मानित ब्राह्मण थे। तुलसीदास जी की माता का नाम हुलसी था। तुलसीदास जी का जन्म सम्वत १५५४ में श्रावण मास मे...

  6. en.wikipedia.org › wiki › TulsidasTulsidas - Wikipedia

    Rambola Dubey (Hindi pronunciation: [rɑːməboːlɑː d̪ubeː]; 11 August 1511 – 30 July 1623), known as Tulsidas (Sanskrit pronunciation: [tʊlsiːdaːsaː]), was a Vaishnava Hindu saint and poet, renowned for his devotion to the deity Rama.

  7. People also ask

  8. गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिन्दू संत, समाजसुधारक के साथ ही दर्शनशास्त्र और कई प्रसिद्ध किताबों के भी रचयिता थे। राम के प्रति अथाह प्रेम की वजह से ही वे महान महाकाव्य रामचरित मानस के लेखक बने। तुलसीदास को हमेशा वाल्मिकी (संस्कृत में रामायण और हनुमान चालीसा के वास्वतिक रचयिता) के अवतरण के रुप में प्रशंसा मिली। तुलसीदास ने अपना पूरा जीवन शुरुआत से ...