Ad
related to: satyarth prakash in hindiamazon.in has been visited by 1M+ users in the past month
Amazon Offers an Array Of Unique Products From Hundreds Of Brands. Prime Members Can Enjoy Unlimited Free Shipping, Early Access To Lightning Deals and More.
- Books in Indian Languages
Read books in your mother tongue.
Buy online at Amazon.in.
- Accessories
Find the perfect accessories
for your home or office.
- Books in Indian Languages
Search results
सत्यार्थ प्रकाश : क्या और क्यों. महर्षि दयानन्द ने उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण में अपना कालजयी ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश रचकर धार्मिक जगत में एक क्रांति कर दी . यह ग्रन्थ वैचारिक क्रान्ति का एक शंखनाद है . इस ग्रन्थ का जन साधारण पर और विचारशील दोनों प्रकार के लोगों पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा .
सत्यार्थ प्रकाश आर्य समाज का प्रमुख ग्रन्थ है जिसकी रचना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने १८७५ ई में हिन्दी में की थी। [1] ग्रन्थ की रचना का ...
Feb 25, 2015 · अथ सत्यार्थप्रकाशः. ओ३म् शन्नो॑ मि॒त्रः शं वरु॑णः॒ शन्नो॑ भवत्वर्य॒मा।. शन्न॒ऽइन्द्रो॒ बृह॒स्पतिः॒ शन्नो॒ विष्णु॑रुरुक्र॒मः॥. नमो॒ ब्रह्म॑णे॒ नम॑स्ते वायो॒ त्वमे॒व प्र॒त्यक्षं॒ ब्रह्मा॑सि। त्वामे॒व प्र॒त्यक्षं॒ ब्रह्म॑ वदिष्यामि ऋ॒तं व॑दिष्यामि स॒त्यं व॑दिष्यामि तन्माम॑वतु॒ तद्व॒क्तार॑मवतु। अव॑तु माम्। अव॑तु व॒क्तार॑म्।.
Mar 25, 2018 · Subject: यह सत्यार्थ प्रकाश उस समय सही था जब उन्होंने निकाला था, इसका अर्थ ये नहीं के आज इसको ही माने. सबसे अधिक प्रमाणिक डॉ. सुरेन्द्र ...
Apr 26, 2023 · स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ प्रकाश (Satyarth Prakash) की रचना की थी। आज हम सत्यार्थ प्रकाश हिंदी में (Satyarth Prakash In Hindi) समझेंगे।
Nov 25, 2021 · सत्यार्थ प्रकाश के पहले समुल्लास में ईश्वर के ओंकार आदि नामों की व्याख्या की गई है | महान समाज सुधारक "महर्षि दयानन्द सरस्वती" द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश का प्रयोजन सत्य को सत्य और मि ...more.
- 103 min
- 102K
- Arya Samaj आर्य समाज
People also ask
सत्यार्थ प्रकाश किसकी रचना है?
सत्यार्थ प्रकाश का प्रभाव क्या है?
सत्यार्थ प्रकाश की रचना कब हुई थी?
सत्यार्थ प्रकाश के प्रणेता कौन है?
Feb 25, 2015 · १. प्रथम समुल्लास में ईश्वर के ओङ्काराऽऽदि नामों की व्याख्या।. २. द्वितीय समुल्लास में सन्तानों की शिक्षा।. ३. तृतीय समुल्लास में ब्रह्मचर्य, पठन-पाठनव्यवस्था, सत्यासत्य ग्रन्थों के नाम और पढ़ने-पढ़ाने की रीति।. ४. चतुर्थ समुल्लास में विवाह और गृहाश्रम का व्यवहार।. ५. पञ्चम समुल्लास में वानप्रस्थ और संन्यासाश्रम की विधि।. ६. छठे समुल्लास में राजधर्म।