Yahoo India Web Search

Search results

  1. अब्दुर्रहीम ख़ान--ख़ाना या रहीम, एक मध्यकालीन कवि, सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, एवं विद्वान थे। वे भारतीय सामासिक संस्कृति के अनन्य आराधक तथा सभी संप्रदायों के प्रति समादर भाव के सत्यनिष्ठ साधक थे। उनका व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न था। वे एक ही साथ कलम और तलवार के धनी थे और मानव प्रेम के सूत्रध...

  2. Jun 5, 2020 · रहीम दास जी कलाप्रेमी, महान कवि और एक अच्छे साहित्यकार थे। रहीम दास जी अपने काव्य में रामायण, महाभारत, पुराण तथा गीता जैसे ग्रंथों के अंशो को उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करते थे। जो भारतीय संस्कृति की झलक को पेश करता है। रहीम दास ने अपनी काव्य रचना द्वारा हिन्दी साहित्य की जो सेवा की वह अद्भुत और काफी प्रशंसनीय है। रहीम के दोहे और रचनाएं प्रसिद्ध...

  3. रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय।. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय।।. अर्थ: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे ...

  4. Sep 3, 2018 · रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय. अर्थ: मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे ...

  5. Mar 30, 2021 · रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान--खाना है और इनका जन्म 17 दिसम्बर 1556 को लाहोर में हुआ था। जो लाहोर अभी पाकिस्तान में स्थित है। इनके पिता का नाम बैरम खान और माता का नाम सुल्ताना बेगम था।.

  6. मूल नाम : अब्दुर रहीम ख़ानख़ाना. जन्म : 17 दिसंबर 1556 | दिल्ली. निधन : आगरा, उत्तर प्रदेश.

  7. Aug 17, 2023 · यहां रहीम के 50 दोहे से भी अधिक दोहों का बहुमूल्य संग्रह (Rahim Ke Dohe With Meaning) लेकर आये हैं। उम्मीद करते हैं आपको जरुर पसंद आयेंगे।. रहीम दास का ...