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मन्नू भंडारी (३ अप्रैल १९३१ ― १५ नवंबर २०२१) [2] हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार थीं। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया। उन्होंने एम ए तक शिक्षा पाई और वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उ...
- जन्म और मृत्यु
- जीवन परिचय
- प्रथम कहानी एवं लिखने का पेशा
- फिल्म और मंच में मन्नू भंडारी के काम
- रचनाएँ
- पुरस्कार
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मन्नू भंडारी का जन्म 2 अप्रैल 1931 में मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा में हुआ था और वे अजमेर, राजस्थान में बड़ी हुई थी. जहाँ उनके पिता सुखसंपत राय भंडारी एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और पहले अंग्रेजी से हिंदी और अंग्रेजी से मराठी शब्दकोशों के निर्माता रहे थे. वह पांच भाई-बहनों (दो भाई, तीन बहनों) में सबसे छोटी थी. उन्होंने हिंदी लेखक और...
मन्नू भंडारी की शिक्षा शुरू में अजमेर में हुई और उन्होंने पश्चिम बंगाल के कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी भाषा और साहित्य में एम.ए की डिग्री हासिल की एवं एक छात्र के रूप में वह राजनीति में सक्रिय हुई थीं. 1946 में सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना में शामिल होने के कारण उनके दो...
मन्नू भंडारी जी की पहली प्रकाशित कहानी 1957 में हिंदी कहानी पत्रिका मेंमैं हार गई शीर्षक से एक लघु कहानी थी. इस कहानी को बाद में एक अत्यधिक लोकप्रिय और सफल नाटक के रूप में रूपांतरित किया गया और इसे नई दिल्ली में (भारत रंग महोत्सव) (राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव) सहित पूरे देश में प्रदर्शित किया गया. 1961 में एक इंच मुस्कान, जिसे उन्होंने अपने पति राजेंद...
मन्नू भंडारी के कार्यों को अक्सर फिल्म, टेलीविजन और मंच पर निर्माण के लिए अनुकूलित किया गया है. 1974 में भंडारी की एक कहानी जिसका शीर्षक यह सच है को बसु चटर्जी द्वारा एक फिल्म में रूपांतरित किया गया था, जिसे रजनीगंधा कहा जाता है. उनकी कहानी एक युवा महिला के बारे में थी, जो अपने अतीत और वर्तमान प्रेमियों के बारे में अपनी भावनाओं को एक डायरी में दर्ज...
उन्होंने आक्रोश, व्यंग्य और संवेदना को मनोवैज्ञानिक रचनात्मक आधार दिया है. वह चाहे कहानी हो, उपन्यास हो या फिर पटकथा ही क्यों न हो. प्रमुख रचनाएँ : एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई. तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, आँखों देखा झूठ, आपका बंटी, महाभोज, स्वामी, एक इंच मुस्कान पटकथाएँ : रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण सम्मान : हिंदी अकादमी दिल्ली क...
महाभोज के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, 1981भारतीय भाषा परिषद कोलकाता, 1982कला-कुंज सम्मान पुरस्कार, नई दिल्ली, 1982भारतीय संस्कृत संसद कथा समारोह, कोलकाता, 1983मन्नू भंडारी एक भारतीय लेखिका, पटकथा लेखिका, शिक्षिका और नाटककार थी, जो नई कहानी आंदोलन में कहीं पारिवारिक, नारी और समाज के जीवन की विसंगतियाँ विशेष आत्मीय अंदाज में अभिव्यक्त हुई.
Dec 15, 2016 · यह पृक्ष्ठ आपको भारतीय लेखक मन्नू भंडारी की जीवन और कार्य के बारे में बताता है। उन्हें नयी कहानी अभियान, हिंदी साहित्यिक अभियान, साहित्य के समुदाय में काम करने के लिए प्रेरित थ
यहाँ हिंदी साहित्य जगत की विख्यात लेखिका मन्नु भंडारी का जीवन परिचय (Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों ...
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Dec 2, 2021 · मन्नू भंडारी (अंग्रेजी: Mannu Bhandari) एक महान लेखिका, कहानीकार व उपन्यासकार थी। वे 1960 के दशक के नई कहानी मूवमेंट में एक मुख्य महिला
Nov 22, 2021 · मन्नू भंडारी की माता का नाम श्रीमती अनूप कुमारी था | उदार ह्रदय वाली उनकी माता एक घरेलु किस्म की, पुराने विचारों वाली अनपढ़ महिला थीं | धैर्य, सहनशीलता उनके विशिष्ट गुणों में से एक थे | मन्नू भण्डारी और उनके सभी भाई बहन पिता की अपेक्षा माँ के बेहद करीब थे | वे अपने बच्चों की उचित-अनुचित सभी मांगों को अपना फर्ज समझ कर पूरा करने का प्रयास करतीं |.
मन्नू भंडारी एक भारतीय लेखक है जो विशेषतः 1950 से 1960 के बीच अपने अपने कार्यो के लिए जानी जाती थी। सबसे ज्यादा वह अपने दो उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध थी। पहला आपका बंटी और दूसरा महाभोज। नयी कहानी अभियान और हिंदी साहित्यिक अभियान के समय में लेखक निर्मल वर्मा, राजेंद्र यादव, भीषम साहनी, कमलेश्वर इत्यादि ने उन्हें अभियान की सबसे प्रसिद्ध लेखिका बताय...