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  1. Feb 25, 2021 · अर्थ – कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष (जहर) से भरा हुआ है और गुरु अमृत की खान हैं। अगर अपना शीश (सर) देने के बदले में आपको कोई सच्चा गुरु मिले तो ये सौदा भी बहुत सस्ता है. दोहा (Dohe) –. सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज |. सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ||.

  2. Mar 3, 2013 · कबीर दास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित. –1–. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।. अर्थ: जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला। जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है।. –2–. पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।.

  3. Jul 26, 2015 · Kabir ke Dohe in Hindi. संत कबीर दोहा – धीरे धीरे रे मना (Dheere Dheere re Mana)

  4. व्याख्या- Table of Contents. कबीर कहते है कि मनुष्य को एक बार दृढ़ निश्चय करके अपना सब कुछ त्याग देना चाहिए। उसकी यह भावना होनी चाहिए कि उसे प्राप्त सारी वस्तुएं और उसका शरीर भी उसका अपना नहीं है। यह सब कुछ ईश्वर है। ईश्वर को सर्वस्व समर्पण करके मोह और अहंकार से मुक्त हो जाना ही आदर्श त्याग है।. जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान।.

  5. Sep 24, 2022 · कबीर के दोहे व्याख्या सहित. यह सभी दोहे क्रमवार लिखे गए है और प्रत्येक दोहे और पद के नीचे आपको निहित शब्द और व्याख्या पढ़ने को मिलेंगे।. पहला दोहा. पाहन पूजे हरि मिले , तो मैं पूजूं पहार. याते चाकी भली जो पीस खाए संसार। ।. निहित शब्द – पाहन – पत्थर , हरि – भगवान , पहार – पहाड़ , चाकी – अन्न पीसने वाली चक्की।. व्याख्या.

  6. Dec 10, 2021 · पढ़िए महान संत कबीर दास जी के दोहों के विशाल संकलन को: kabir das ke dohe-एक-एक दोहे आज के बड़े-बड़े प्रेरक वक्ताओं के घंटे की सीख पर भारी है !

  7. Mar 12, 2020 · इस लेख में हमने 30 बेस्ट कबीर के दोहे हिन्दी अर्थ सहित (Kabir Ke Dohe with Hindi Meaning) प्रकाशित किया है। यह कबीर दास जी के पद या भजन ज्ञानवर्धक हैं।

  8. कबीर दास, एक रहस्यवादी कवि और भारत के महान संत, का जन्म वर्ष 1440 में हुआ था और वर्ष 1518 में देहांत हो गया था। इस्लाम के अनुसार कबीर का अर्थ महान (great) होता है। कबीर पंथ एक विशाल धार्मिक समुदाय है जो संत मत के संप्रदाय के प्रवर्तक के रूप में कबीर की पहचान करता है। कबीर पंथ के सदस्यों को कबीर पंथियों के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने पूरे उत्...

  9. Oct 21, 2023 · कबीर कहते हैं, सुमिरन करो यानी ईश्वर के बारे में सोचो और अपने बारे में सोचना छोड़ दो। या खुद नहीं कर सकते तो उसे गुरु के जिम्मे छोड़ दो।. तुम्हारे हित-अहित की चिंता गुरु कर लेंगे। तुम बस चिंता मुक्त हो कर ईश्वर का स्मरण करो। और जब तुम ऐसा करोगे, तो तुरत महसूस करोगे कि सारे कष्ट दूर हो गए हैं। कबीर के दोहे गुरु भक्ति की प्रेरणा देते हैं।.

  10. Kabir Ke Dohe - मूरख संग न कीजिए ,लोहा जल न तिराई। ज़िन्दगी बदल देने वाले कबीर जी के सुप्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित!

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