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जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1889- 15 नवंबर 1937) [3][4], हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ीबोली के काव्य में न केवल कामनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एव...
Jaishankar Prasad (30 January 1889 [1] – 15 November 1937) [3] was a prominent figure in modern Hindi literature as well as Hindi theatre. Prasad was his pen name. [4] He was also known as Chhayavadi kavi. [5]
जयशंकर प्रसाद (अंग्रेज़ी: Jaishankar Prasad, जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश - मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। [1] कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे।. जन्म.
विविध. हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। प्रसाद जी ने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा ...
Jaishankar Prasad ka Jivan Parichay (जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय) : जानिए रचनाएं, साहित्यिक परिचय, साहित्यिक विशेषताएं आदि इस ब्लॉग में।
Nov 8, 2024 · जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) छायावादी युग के कुछ प्रमुख लेखकों में से एक हैं। इन्हीं के नाम पर ही छायावादी युग को 'प्रसाद युग' भी कहा जाता है ...
Jaishankar Prasad (1890-1937) was an Indian poet who is known as one of the four pillars of the Chhayavad style of Hindi Literature. His poems, stories, novels, and plays were derived from historical Indian figures and Indian mythological events.