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आकार-प्रकार. हिन्दू मन्दिरों में प्रायः पूर्व दिशा के रक्षक देवता के रूप में इन्द्र की प्रतिष्टा होती है।. इन्द्र वृहदाकार है। देवता और मनुष्य उसके सामर्थ्य की सीमा को नहीं पहुँच पाते। वह सुन्दर मुख वाला है। उसका आयुध वज्र अथवा शरु है। उसकी भुजाएँ भी वज्रवत् पुष्ट एवं कठोर हैं। वह सप्त संख्यक पर्जन्य रूपी रश्मियों वाला एवं परम कीर्तिमान् है।.
1ऋग्वेद में इन्द्र. 2परिचय. 3विभिन्न प्रंसग. 4इन्द्र की शक्तियाँ. 5इन्द्र एवं वरुण का संयुक्त वर्णन. 6पौराणिक मत. 7रामायण में इन्द्र. 8दुर्वासा मुनि का श्राप. 9वत्सनाभ की तपस्या. 10टीका टिप्पणी और संदर्भ. 11संबंधित लेख. इन्द्र की चरितावली में वृत्रवध का बड़ा महत्त्व है।.
हिन्दुधर्म में मूलत: 33 प्रमुख देवताओं का उल्लेख मिलता है। सभी देवताओं के कार्य और उनका चरित्र भिन्न भिन्न है। हिन्दू देवताओं में इन्द्र बहुत बदनाम है। इन्द्र के किस्से रोचक है। इन्द्र के जीवन से मनुष्यों को शिक्षा मिलती है कि भोग से योग की ओर कैसे चलें।.
इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (१९ नवम्बर १९१७- ३१ अक्टूबर १९८४) वर्ष १९६६ से १९७७ तक लगातार ३ पारी के लिए भारत ...
Sep 2, 2023 · नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Indra Dev: हिंदू धर्म में मूलतः 33 प्रकार के देवी-देवताओं का जिक्र मिलता है। प्रत्येक देवी-देवताओं का अपना एक स्वभाव और चरित्र है। इसी प्रकार इंद्र देव का भी अपना एक अलग स्वरूप और चरित्र है। उन्हें स्वर्ग के राजा के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इंद्र की पदवी के विषय में कुछ रोचक तथ्य।.
हिन्दू धर्म में मूलत: 33 प्रमुख देवताओं का उल्लेख मिलता है। सभी देवताओं के कार्य और उनका चरित्र भिन्न-भिन्न है। हिन्दू देवताओं में ...