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गुरु तेग़ बहादुर - विकिपीडिया. श्री गुरु तेग बहादुर जी (वैशाख, कृष्ण पंचमी तदनुसार 21 अप्रैल 1621 - 24 नवम्बर 1675) सिखों के नौवें गुरु थे। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है। श्री गुरु तेग बहादुर जी विश्व मे प्रभावशील गुरू है।.
Guru Tegh Bahadur. गुरु तेग बहादुर सिंह एक क्रांतिकारी युग पुरुष थे। उनका जन्म वैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। विश्व इतिहास ...
- जन्म
- शिक्षा – दीक्षा
- लेखन कार्य – गुरु तेग़ बहादुर की जीवनी
- गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की गाथा
- बलिदान की गाथा
- बलिदान – गुरु तेग़ बहादुर की जीवनी
गुरु तेग़ बहादुर का जन्म1 अप्रैल 1621 को अमृतसर, पंजाबमे हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु हरगोविंद सिंह और माता का नाम नानकी देवीथा। वे अपने माता – पिता की पाँचवीं संतान थे। उनका बचपन का नाम त्यागमलथा।
गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षा-दीक्षा मीरी-पीरी के मालिक गुरु-पिता गुरु हरिगोबिंद साहिब की छत्र छाया में हुई। इसी समय इन्होंने गुरुबाणी, धर्मग्रंथों के साथ-साथ शस्त्रों तथा घुड़सवारी आदि की शिक्षा प्राप्त की। सिखों के 8वें गुरु हरिकृष्ण राय जी की अकाल मृत्यु हो जाने की वजह से गुरु तेगबहादुर जी को गुरु बनाया गया था। मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने पिता क...
गुरु तेग़ बहादुर जी की बहुत सी रचनाएँ ग्रंथ साहब के महला 9 में संग्रहित हैं। उन्होंने शुद्ध हिन्दी में सरल और भावयुक्त ‘पदों’ और ‘साखी’ की रचनायें की। सन् 1675 में गुरु जी धर्म की रक्षा के लिए अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध अपने चार शिष्यों के साथ धार्मिक और वैचारिक स्वतंत्रता के लिए शहीद हो गए। उनके अद्वितीय बलिदान ने देश की ‘सर्व धर्म सम भाव’ की स...
एक समय की बात है। औरंगजेब के दरबार में एक विद्वान पंडित आकर गीता के श्लोक पढ़ता और उसका अर्थ सुनाता था, पर वह पंडित गीता में से कुछ श्लोक छोड़ दिया करता था। एक दिन पंडित बीमार हो गया और औरंगजेब को गीता सुनाने के लिए उसने अपने बेटे को भेज दिया किंतु उसे उन श्लोकों के बारे में बताना भूल गया जिनका अर्थ वहां नहीं करना था। उसके बेटे ने जाकर औरंगजेब को प...
गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों की सारी समस्या बताई तो बाला प्रीतम ने कहा- इसका निदान कैसे होगा? गुरु साहिब ने कहा- इसके लिए बलिदान देना होगा। बाला प्रीतम ने कहा कि आपसे महान पुरुष मेरी नजर में कोई नहीं है, भले ही बलिदान देना पड़े पर आप इनके धर्म को बचाइए। उसकी यह बात सुनकर वहां उपस्थित लोगों ने पूछा- अगर आपके पिता जी बलिदान दे देंगे तो आप यतीम ...
24 नवम्बर 1675को दिल्ली के चाँदनी चौक पर गुरु तेग़ बहादुर जी का शीश काट दिया गया। गुरु तेग़ बहादुरजी की याद में उनके‘शहीदी स्थल’पर गुरुद्वारा बना है, जिसका नाम गुरुद्वारा‘शीश गंज साहिब’है। इसे भी पढ़े – प्रकाश चंद्र सेठी की जीवनी – Prakash Chandra Sethi Biography Hindi
Nov 24, 2023 · गुरु तेग बहादुर जी केवल एक धर्म गुरु ही नहीं बल्कि एक महान योद्धा भी थे जिन्होंने मुगलों से धर्म के अस्तित्व की लड़ाई लड़ी थी। उनकी बहादुरी उनका इतिहास आज भी भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।.
Guru Teg bahadur Ninth Sikh Guru: गुरु तेग बहादुर साहेब जी सिख धर्म के नौवें गुरु है। उन्हें भला कौन नहीं जानता। 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस हैं, और इस दिन राष्ट्रीय शहीदी दिवस भी होता है। गुरु तेग बहादुर सिंह जी मध्ययुगीन इतिहास में बिरला नाम रखने वाले बिरले व्यक्तित्व के धनी है। वे अपनी समता, करुणा, निष्ठा, प्रेम, सहानुभूति, त...
Apr 16, 2020 · Guru Teg Bahadur Biography In Hindi-सिख धर्म के प्रसिद्ध गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे. गुरु तेग बहादुर सिंह जी को 20 मार्च 1664 को सिक्कों का गुरु
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गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था?
गुरु तेग बहादुर सिंह ने क्या किया?
गुरु तेग़ बहादुर ने अपने मुँह से सी तक क्यों नहीं कहा?
गुरु तेगबहादुर ने पंडितों से क्या कहा?
गुरु तेग बहादुर को हिंद दी चादर क्यों कहा जाता है?
Jan 17, 2022 · Essay on Guru Tegh Bahadur in Hindi: सिख धर्म को भारत में चौथा सबसे बड़ा धर्म माना जाता है जो 15 .