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  1. Nov 19, 2021 · Poem on Nature in Hindi: आधुनिकता में मनुष्य प्रकृति को भूलता जा रहा है, हम लेकर आये हैं प्रकृति की बेहद सुन्दर कविताएँ, यह आपको पसंद आएँगी।

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    हे प्रकृति कैसे बताऊं तू कितनी प्यारी, हर दिन तेरी लीला न्यारी, तू कर देती है मन मोहित, जब सुबह होती प्यारी। हे प्रकृति कैसे बताऊं तू कितनी प्यारी, सुबह होती तो गगन में छा जाती लाली मां, छोड़ घोसला पंछी उड़ जाते, हर दिन नई राग सुनाते। हे प्रकृति कैसे बताऊं तू कितनी प्यारी, कहीं धूप तो कहीं छाव लाती, हर दिन आशा की नई किरण लाती, हर दिन तू नया रंग दिख...

    हरी हरी खेतों में बरस रही है बूंदे, खुशी खुशी से आया है सावन, भर गया खुशियों से मेरा आंगन। ऐसा लग रहा है जैसे मन की कलियां खिल गई, ऐसा आया है बसंत, लेकर फूलों की महक का जशन। धूप से प्यासे मेरे तन को, बूंदों ने भी ऐसी अंगड़ाई, उछल कूद रहा है मेरा तन मन, लगता है मैं हूं एक दामन। यह संसार है कितना सुंदर, लेकिन लोग नहीं हैं उतने अकलमंद, यही है एक निवेद...

    वन, नदियां, पर्वत व सागर, अंग और गरिमा धरती की, इनको हो नुकसान तो समझो, क्षति हो रही है धरती की। हमसे पहले जीव जंतु सब, आए पेड़ ही धरती पर, सुंदरता संग हवा साथ में, लाए पेड़ ही धरती पर। पेड़ -प्रजाति, वन-वनस्पति, अभयारण्य धरती पर, यह धरती के आभूषण है, रहे हमेशा धरती पर। बिना पेड़ पौधों के समझो, बढ़े रुग्णता धरती की, हरी भरी धरती हो सारी, सेहत सुधरे ध...

    सूरज निकला गगन में दूर हुआ अंधियारा, पेड़ों ने ली अंगड़ाई, ठंडी ठंडी हवा चलाई, पक्षियों ने भी नभ में छलांग लगाई। हरे-भरे बागानों में रंग बिरंगे फूल खिले, फूलों ने अजब सी महक फैलाई, तितली, भंवरों को वो खींच लाई। रसपान कर फूलों का सबने मौज उड़ाई, देख प्रकृति की सुंदरता को, कोयल भी धीमे-धीमे गुनगुनाए। रंग बदलती प्रकृति हर पल मन को भाए, नभ में कभी बादल...

    आओ आओ प्रकृति से प्रेम करें, भूमि मेरी माता है, और पृथ्वी का मैं पुत्र हूं। मैदान, झीलें, नदियां, पहाड़, समुंद्र, सब मेरे भाई-बहन है, इनकी रक्षा ही मेरा पहला धर्म है। अब होगी अति तो हम ना सहन करेंगे, खनन-हनन व पॉलीथिन को अब दूर करेंगे, प्रकृति का अब हम ख्याल रखेंगे। हम सबका जीवन है सीमित, आओ सब मिलकर जीवन में उमंग भरे, आओ आओ प्रकृति से प्रेम करें। ...

    लाली है, हरियाली है, रूप बहारो वाली यह प्रकृति, मुझको जग से प्यारी है। हरे-भरे वन उपवन, बहती झील, नदिया, मन को करती है मन मोहित। प्रकृति फल, फूल, जल, हवा, सब कुछ न्योछावर करती, ऐसे जैसे मां हो हमारी। हर पल रंग बदल कर मन बहलाती, ठंडी पवन चला कर हमे सुलाती, बेचैन होती है तो उग्र हो जाती। कहीं सूखा ले आती, तो कहीं बाढ़, कभी सुनामी, तो कभी भूकंप ले आती...

    प्रकृति की सुंदरता, लीला, प्रेरण और संरक्षण के बारे में कविता कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखे हुए प्रकृति पर कविता के समु

  2. Jul 18, 2021 · Heart Touching Poems on Nature in Hindi. 1. पेड़. “इक छोटा सा बीज हुआ करता था कभी, रौंदते थे आने जाने वाले सभी, फिर भी आलोचना ना की मैंने कभी”. “नन्हा पौधा हुआ करता ...

  3. Nov 2, 2023 · यह वेब पेज पर प्रकृति पर कविताएं की संग्रह है. प्रकृति की रक्षा, प्रकृति की लीला, प्रकृति की सुन्दरता आदि के साथ-साथ कुछ प्रसिद्ध कवियों की कविताएं पढ़ें.

  4. Jul 27, 2024 · Best Nature Poems in Hindi. 1: प्रकृति संदेश / सोहनलाल द्विवेदी. 2: बसंत मनमाना / माखनलाल चतुर्वेदी. 3: ये वृक्षों में उगे परिन्दे / माखनलाल चतुर्वेदी | कुदरत पर कविता |. 4: प्रकृति कुछ पाठ पढ़ाती है / श्रीकृष्ण सरल |. 5: प्रकृति रमणीक है / जगदीश गुप्त |. 6: प्रकृति और हम / अनातोली परपरा |. 7: प्रकृति और तुम / नीरजा हेमेन्द्र |.

  5. Nov 2, 2023 · यह वेब पेज पर प्रकृति के सुन्दरता को प्रेरित कविता के संग्रह हैं. कविता में प्रकृति के कर्म, रूप, परमान, संसार के साथ प्रकृति के साथ कहानी हैं.

  6. Jul 12, 2022 · यहाँ पढ़ें प्रकृति पर 20 लोकप्रिय कविताएँ, जो वर्षा, मेघा, पहाड़, प्राणियों के सुख और संपूर्ण के कार्य के बारे में कहते हैं। कविताएँ में प्रकृति के सुन्दर और प्रेरित