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PREFACE Swami Vivekananda's inspiring personality was well known both in India and in America during the last decade of the nineteenth century and the first decade of the twentieth. The unknown monk of India suddenly leapt into fame at the Parliament of Religions held in Chicago in 1893, at which he represented Hinduism.
May 16, 2020 · इंटरनेट पर The Complete Works Of Swami Vivekananda अभी तक अंग्रेज़ी में ही उपलब्ध है। हमारा प्रयास है कि हिंदी में स्वामी विवेकानन्द की संपूर्ण ग्रंथावली को जल्द-से-जल्द उपलब्ध कराया जाए। स्वामी जी की कोई भी ...
- जीवन परिचय
- शिक्षा
- देश का पुनर्निर्माण
- शिष्यों का समूह
- वेदांत धर्म
- मसीहा के रूप में
- स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित
- ग्रन्थों की रचना
- मृत्यु
- बाहरी कड़ियाँ
विश्वनाथदत्त पाश्चात्य सभ्यता में आस्था रखने वाले व्यक्ति थे। विश्वनाथदत्त के घर में उत्पन्न होने वाला उनका पुत्र नरेन्द्रदत्त पाश्चात्य जगत् को भारतीय तत्वज्ञान का सन्देश सुनाने वाला महान् विश्व-गुरु बना। स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 में कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता), भारत में हुआ। रोमा रोलाँ ने नरेन्द्रदत्त (भावी विवेकानन्द) के सम्बन्ध मे...
1879 में 16 वर्ष की आयु में उन्होंने कलकत्ता से प्रवेश परीक्षा पास की। अपने शिक्षा काल में वे सर्वाधिक लोकप्रिय और एक जिज्ञासु छात्र थे। किन्तु हरबर्ट स्पेन्सर के नास्तिकवाद का उन पर पूरा प्रभाव था। स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद वे ब्रह्म समाज में शामिल हुए, जो हिन्दू धर्ममें सुधार लाने तथा उसे आधुनिक बनाने का प्रयास कर रहा था।
रामकृष्ण की मृत्यु के बाद उन्होंने स्वयं को हिमालय में चिंतनरूपी आनंद सागर में डुबाने की चेष्टा की, लेकिन जल्दी ही वह इसे त्यागकर भारत की कारुणिक निर्धनता से साक्षात्कार करने और देश के पुनर्निर्माण के लिए समूचे भारत में भ्रमण पर निकल पड़े। इस दौरान उन्हें कई दिनों तक भूखे भी रहना पड़ा। इन छ्ह वर्षों के भ्रमण काल में वह राजाओं और दलितों, दोनों के अत...
पाँच वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने अमेरिका के विभिन्न नगरों, लंदन और पेरिस में व्यापक व्याख्यान दिए। उन्होंने जर्मनी, रूस और पूर्वी यूरोप की भी यात्राएं कीं। हर जगह उन्होंने वेदांत के संदेश का प्रचार किया। कुछ अवसरों पर वह चरम अवस्था में पहुँच जाते थे, यहाँ तक कि पश्चिम के भीड़ भरे सभागारों में भी। यहाँ उन्होंने समर्पित शिष्यों का समूह बनाया और उन...
1897 में जब विवेकानंद भारत लौटे, तो राष्ट्र ने अभूतपूर्व उत्साह के साथ उनका स्वागत किया और उनके द्वारा दिए गए वेदांत के मानवतावादी, गतिशील तथा प्रायोगिक संदेश ने हज़ारों लोगों को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानन्द ने सदियों के आलस्य को त्यागने के लिए भारतीयों को प्रेरित किया और उन्हें विश्व नेता के रूप में नए आत्मविश्वास के साथ उठ खड़े होने तथा दलितो...
अरबिंदो घोष, सुभाषचंद्र बोस, सर जमशेदजी टाटा, रबींद्रनाथ टैगोर तथा महात्मा गांधी जैसे महान् व्यक्तियों ने स्वामी विवेकानन्द को भारत की आत्मा को जागृत करने वाला और भारतीय राष्ट्रवाद के मसीहा के रूप में देखा। विवेकानंद 'सार्वभौमिकता' के मसीहा के रूप में उभरे। स्वामी विवेकानन्द पहले अंतरराष्ट्रवादी थे, जिन्होंने 'लीग ऑफ़ नेशन्स' के जन्म से भी पहले वर्...
विवेकानंद ने 1 मई, 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर, 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की। उनके अंग्रेज़ अनुयायी कैप्टन सर्वियर और उनकी पत्नी ने हिमालय में 1899 में 'मायावती अद्वैत आश्रम' खोला। इसे सार्वभौमिक चेतना के अद्वैत दृष्टिकोण के एक अद्वितीय संस्थान के रूप में शुरू किया गया और विवेकानं...
'योग', 'राजयोग' तथा 'ज्ञानयोग' जैसे ग्रंथों की रचना करके विवेकानन्द ने युवा जगत को एक नई राह दिखाई है, जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी उनकी महानता की कहानीकह रहा है।
स्वामी विवेकानन्द के ओजस्वी और सारगर्भित व्याख्यानों की प्रसिद्धि विश्वभर में है। जीवन के अंतिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा "एक और विवेकानंद चाहिए, यह समझने के लिए कि इस विवेकानंद ने अब तक क्या किया है।" प्रत्यदर्शियों के अनुसार जीवन के अंतिम दिन भी उन्होंने अपने 'ध्यान' करने की दिनचर्या को नहीं बदला और प्रात: दो तीन घंटे ध्या...
Sep 6, 2019 · स्वामी विवेकानंद. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 में हुआ था। इनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था और इनके गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था। अपने गुरु के नाम पर विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन ...
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंगरेजी ...
Feb 20, 2019 · Complete works of Swami Vivekanand is a collection of all the available works, lectures, letters, and conversations of Swami Vivekanand. It covers addresses at the Parliament of religions; Karma- Yoga; Raja-Yoga; soul, God and religion; Hindu religion; what is religion; vedic religious ideals; vedanta philosophy; reason and religion; vedanta as a factor in civilisation; spirit and influence of vedanta; steps of Hindu philosophical thought; steps to realisation; vedanta and privilege; privilege.
Swami Vivekananda[a] (12 January 1863 – 4 July 1902), born Narendranath Datta[b] was an Indian Hindu monk, philosopher, author, religious teacher, and the chief disciple of the Indian mystic Ramakrishna. [4][5] He was a key figure in the introduction of Vedanta and Yoga to the Western world. [6][7][8] He is credited with raising interfaith ...