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  1. Mar 12, 2024 · प्रश्न 1. सूरदास का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं पर प्रकाश डालिए।. भक्तिकाल की सगुणधारा के कृष्णभक्त कवियों में सूरदास अग्रगण्य हैं। वे हिन्दी साहित्याकारों के सूर्य कहे जाते है। कृष्णभक्ति की जो धारा सूरदास ने प्रवाहित की उसने जन-जन के हृदय में माधुर्य का संचार किया। वे वात्सल्य एवं शृंगार के सम्राट कहे जाते हैं।.

  2. सूरदास ( संस्कृत : सूरदास , रोमानी भाषा में : सूरदास ) 16वीं सदी के हिंदू भक्ति कवि और गायक थे, जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखे गए अपने कार्यों के लिए जाने जाते थे। वह कृष्ण के वैष्णव भक्त थे, और वह एक श्रद्धेय कवि और गायक भी थे।. [1] श्री कृष्ण और सूरदास जी. जीवन परिचय सूरदास .

  3. सूरदास का जीवन परिचय- भक्तिकालीन महाकवि सूरदास का जन्म 'रुनकता' नामक ग्राम में 1478 ई. में पण्डित रामदास जी के घर हुआ था। पण्डित रामदास.

  4. दोस्तो आज के आर्टिकल में हम भक्तिकाल के अंतर्गत सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ (Surdas ki Kavygat Vieshtayen)को विस्तार से पढेंगे ।

  5. ब्रज भाषा के महाकवि। "सूरसागर" सूरदास की सभी ज्ञात रचनाओं का संकलन है जिसमें इनकी लगभग 5000 रचनाएँ संकलित हैं।. जीवन परिचय. सूरदास ...

  6. सूरदास की सर्वसम्मत प्रामाणिक रचना ' सूरसागर ' है। एक प्रकार से 'सूरसागर' जैसा कि उसके नाम से सूचित होता है, उनकी सम्पूर्ण रचनाओं का संकलन कहा जा सकता है। [2] 'सूरसागर' के अतिरिक्त ' साहित्य लहरी ' और ' सूरसागर सारावली ' को भी कुछ विद्वान् उनकी प्रामाणिक रचनाएँ मानते हैं, परन्तु इनकी प्रामाणिकता सन्दिग्ध है। [3] सूरदास के नाम से कुछ अन्य तथाकथित...

  7. वह भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे. उन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार और शांत रस में बेहद ही मर्मस्पर्शी वर्णन किया हैं. सूरदास से जुडी जानकारी (Fact About Surdas) सूरदास का जन्म (Surdas Birth) सूरदास के जन्म और मृत्यु दोनों को लेकर हिंदी साहित्य में द्वन्द हैं.

  8. सूरदास जीवनी - Biography of Surdas in Hindi Jivani. Published By : Jivani.org. सूरदास का जन्म 1478 ईस्वी में रुनकता नामक गाँव में हुआ। यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित ...

  9. दोस्तों आज हम लोग सूरदास का जीवन परिचय । Surdas Biography in हिंदी के की जीवनी, इतिहास, रचनाएँ और उनसे जुड़ी कहानियाँ के बारे में इस पोस्ट में ...

  10. सूरदास(Surdas) के भ्रमरगीत की मुख्य विशेषताएँ:- (1) सूरदास ने अपने भ्रमर गीत में निर्गुण ब्रह्म का खंडन किया है।