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  1. Jan 16, 2023 · इस लेख में हम 1857 की क्रांति में राजस्थान का योगदान (Contribution of Rajasthan in the Revolution of 1857 in Hindi), राजस्थान की वेशभूषा, खानपान, स्मारक, नृत्य, धार्मिक स्थलों ...

    • राजपूताना रेजीडेन्सी
    • नसीराबाद - 28 मई 1857
    • नीमच - 3 जुन 1857
    • एरिनपुरा - 21 अगस्त 1857
    • कोटा
    • टोंक
    • धौलपुर
    • भरतपुर
    • अलवर
    • बीकानेर

    राजपूताना रेजीडेन्सी की स्थापना 1832 ई. में हुई। इसका मुख्यालय अजमेर में बनाया गया। इसका मुख्य अधिकारी ए.जी.जी (एजेन्ट टू गर्वनर जनरल)होता था। प्रथम A.GG. मि. लॉकेटथा। 1845 ई. में विलियम बैंटिक द्वारा राजपूताना रेजीडेन्सी का ग्रीष्मकालीन कार्यालय आबू में स्थानान्तरित कर दिया। 1857 ई. की क्रान्ति के समय ए.जी.जी. जॉर्ज पैट्रिक लॉरेन्सथा। क्रांति के स...

    राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये। मेजर स्पोटिस वुड एवं न्यूबरी की हत्या के बाद शेष अंग्रेजों ने नसीराबाद छोड़ दिया। छावनी को लूटने के बाद विद्...

    नसीराबाद की क्रांति की सूचना नीमच पहुँचने पर 3 जून, 1857 को नीमच छावनी के भारतीय सैनिकों ने हीरासिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। उन्होंने शस्त्रागार को आग लगा दी तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर हमला कर एक अंग्रेज सार्जेन्ट की पत्नी तथा बच्चों का वध कर दिया। नीमच छावनी के सैनिक चित्तौड़, हम्मीरगढ़ तथा बनेड़ा में अंग्रेज बंगलों को लूटते हुए श...

    1835 ई. में अंग्रेजों नेजोधपुर की सेना के सवारों पर अकुशल होने का आरोप लगाकर जोधपुर लीजियन का गठन किया। इसका केन्द्र एरिनपुरा रखा गया। 21 अगस्त, 1857 को जोधपुर लीजियन के सैनिकों ने विद्रोह कर आबू में अंग्रेज सैनिकों पर हमला कर दिया। यहाँ से ये एरिनपुरा आ गये, जहाँ इन्होंने छावनी को लूट लिया तथा जोधपुर लीजियन के शेष सैनिकों को अपनी ओर मिलाकर “चलो दि...

    कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। 14 अक्टूबर, 1857 को कोटा के पोलिटिकल एजेन्ट मेजर बर्टन ने कोटा महाराव रामसिंह द्वितीय से भेंट कर अंग्रेज विरोधी अधिकारियों को दण्डित करने का सुझाव दिया। मगर महाराव ने अधिकारियों के अपने नियंत्रण में न होने की बात कहते हुए बर्टन के सुझाव को मानने से इन्कार कर दिया। 15 अक्टूबर, 185...

    टोंक का नवाबवजीरुद्दौला अंग्रेज समर्थक था। लेकिन टोंक की जनता एवं सेना की सहानुभूति क्रांतिकारियों के साथथी। सेना का एक बड़ा भाग विद्रोहियों से मिल गया तथा इन सैनिकों ने नीमच के सैनिकों के साथ नवाब के किले को घेर लिया। सैनिकों ने नवाब से अपना वेतन वसूल किया और नीमच की सेना के साथ दिल्ली चले गए। नवाब के मामा मीर आलम खाँ ने विद्रोहियों का साथ दिया। 1...

    धौलपुर महाराजा भगवन्त सिंह अंग्रेजों का पक्षधर था। अक्टूबर, 1857 मेंग्वालियर तथा इंदौर के क्रांतिकारी सैनिकों ने धौलपुर में प्रवेश किया। धौलपुर राज्य की सेना तथा अधिकारी क्रांतिकारियों से मिल गये। विद्रोहियों ने दो महीने तक राज्य पर अपना अधिकार बनाये रखा। दिसम्बर, 1857 में पटियाला की सेनाने धौलपुर से क्रांतिकारियों को भगा दिया।

    1857 में भरतपुर पर पोलिटिकल एजेन्ट का शासन था। अतः भरतपुर की सेना विद्रोहियों को दबाने के लिए भेजी गयी। परन्तु भरतपुर की मेव व गुर्जर जनता ने क्रांतिकारियों का साथदिया।

    अलवर के दीवान फैजुल्ला खाँ की सहानुभूति क्रांतिकारियों के साथ थी। महाराजा बन्नेसिंह ने अंग्रेजों की सहायतार्थ आगरा सेना भेजी। अलवर राज्य की गुर्जर जनता की सहानुभूति भी क्रांतिकारियों के साथथी।

    बीकानेर महाराज सरदारसिंह राजस्थान का अकेला ऐसा शासक था जो सेना लेकर विद्रोहियों को दबाने के लिए राज्य से बाहर (हिसार के पास बडालु) भी गया। महाराजा ने पंजाब में विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों का सहयोग किया। महाराजा ने अंग्रेजों को शरण तथा सुरक्षा भी प्रदान की। अग्रेजों ने बीकानेर के सरदार सिंह को टिब्बी क्षेत्र (हनुमानगढ़) के 41 गांव दिए।

  2. राजनैतिक कारण. 1. लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि. देशी राज्यों की आंतरिक सुरक्षा व विदेश नीति का उत्तरदायित्व अंग्रेजों पर था जिसका खर्च संबंधित राज्य को उठाना पड़ता था ।. 2. लॉर्ड डलहौजी की गोद निषेध नीति / राज्य हड़प नीति.

  3. 1857 की क्रांति (प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम) से संबंधित जानकारी: लॉर्ड कैनिंग के गवर्नर-जनरल के रूप में शासन करने के दौरान ही 1857 ई. की महान क्रान्ति हुई। 1857 की क्रांति की शुरुआत 10 मई, 1857 ई.

  4. १८५७ का भारतीय स्वाधीनता संग्राम. 1857-59 के भारतीय विद्रोह के प्रमुख केन्द्रों: मेरठ, दिल्ली, ग्वालियर, कानपुर, लखनऊ, झाँसी और जबलपुर को ...

  5. Jan 27, 2021 · 1857 का भारतीय विद्रोह भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ एक व्यापक लेकिन असफल विद्रोह था जिसने ब्रिटिश राज की ओर से ...

  6. People also ask

  7. Jul 4, 2024 · धौलपुर के महाराजा भगवंत सिंह अंग्रेजों के वफादार थे। अक्टूबर, 1857 ईसवी में ग्वालियर व इंदौर से 5000 विद्रोही सैनिक धौलपुर राज्य में घुस ...