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  1. Jan 17, 2017 · Prem Chand Ki Sarvshreshth Kahaniya : Munshi Premchand : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive. by. Munshi Premchand. Topics. Banasthali. Collection. digitallibraryindia; JaiGyan. Language. Hindi. Item Size. 80.1M. Book Source: Digital Library of India Item 2015.540781. dc.contributor.author: Munshi Premchand.

  2. 250+ Premchand Stories Hindi | प्रेमचंद की कहानियाँ | PDF. हिंदी पाठको के लिए इस पोस्ट में प्रेमचंद जी की लगभग सभी कहानियों (Premchand Stories Hindi) को पीडीऍफ़ रूप में ...

  3. Feb 13, 2020 · Addeddate 2020-02-13 08:26:56 Fts-ignore-ingestion-lang-filter true Identifier premchandkisarvashreshtakahaniyanhindi

  4. Jul 14, 2023 · प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ का संग्रह | All Stories of Premchand PDF In Hindi. ‘प्रेम मंजूषा’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free ...

  5. प्रेमचंद का जन्म ३१ जुलाई १८८० को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। प्रेमचंद की आरंभिक शिक्षा फ़ारसी में हुई। सात वर्ष की अवस्था में उनकी माता तथा चौदह वर्ष की अवस्था में उनके पिता का देहान्त हो गया जिसके कारण उनका प्रा...

  6. प्राक्कथन. मनुष्य-जाति के लिए मनुष्य ही सबसे विकट पहेली है। वह खुद अपनी समझ में नहीं आता। किसी-न-किसी रूप में वह अपनी ही आलोचना किया करता है, अपने ही मन के रहस्य खोला करता है। इसी आलोचना को, इसी ...

  7. प्रेमचन्द की सर्वश्रेष्ठ कहानियां - Premchand Ki Sarvshreshth Kahaniyan

  8. म य ेक कहानी मानव-मन के अनेक श्य , चेतना के अनेक छोर , सामा जक कुरी तय तथा आ थक उत्पीड़न के व वध आयाम को अपनी संपूण. कलात्मकता के साथ अनावृ ...

  9. May 23, 2021 · Prem Manjusha - Selected Stories By Amrit Rai. : Munshi Premchand. May 23, 2021 - Fiction - 189 pages. मुंशी प्रेमचंद एवं कहानीकार प्रेमचंद. 1. रानी सारन्धा , 2 बड़े घर की बेटी , 3. बूढ़ी...

  10. सवा सेर गेहूँ. शहर के साथ ही गाँवों में हावी साहूकारी व्यवस्था और किसानों के दर्द को उकेरती कहानी है ‘सवा सेर गेहूँ’। प्रेमचंद ने इस ...