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आईपीसी की धारा 406 के तहत सजा आपराधिक हनन करके या धोखे से कब्जा की गई संपत्ति की राशि/मूल्य के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। जैसे यदि संपत्ति का मूल्य 100 रुपये से अधिक नहीं है, तो अपराध को मामूली अपराध माना जाता है और इसके लिए सजा एक वर्ष तक कारावास या जुर्माना, या दोनों है। यदि मूल्य सौ रुपये से अधिक है, तो अपराध को अधिक गंभीर माना जाता है, और स...
Apr 20, 2024 · यह पृक्रिय को समाप्त करता है कि किसी व्यक्ति के साथ विश्वासघात करना या भरोसा तोड़ना का मतलब है, जो का कैद या जुर्माना की सजा हो सकती है। यह पृक्रिय को संज्ञान में लेता है, जिसमें सामाजिक
Sep 28, 2023 · IPC 406 का अर्थ है कि किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के संपत्ति के सुरक्षण के लिए सौंपने वाला हो ताक कि उसके प्रति विश्वास की शर्तों का उल्लंघन करना होता है. इस प्रक्रिया के लिए क्या
IPC 406 के अनुसार, किसी दूसरे को विश्वास करके संपत्ति देते हुए और उसे संपत्ति को हनन कर देते हुए व्यक्ति को कारावास का दोषी होता है। इस धारा के सजा, जमानत, बचाव और कुछ डिस्ट्रिक कोर्ट
Jun 17, 2021 · धारा 406 का विवरण. भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम आपको महत्वपूर्ण धारा के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। हम में बहुत से लोग, जिन पर हम ...
Aug 20, 2023 · यह वेब पृिंच आप से कहा जाता है कि क्या होता है 406 IPC या धारा 406 का, क्या सजा होती है, क्या कारावास होता है, क्या जमानत होता है, क्
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आईपीसी 406 का मतलब क्या होता है?
धारा 406 क्या है?
धारा 406 में वकील की जरुरत क्यों होती है?
धारा 406 में जमानत कैसे मिलती है?
IPC की धारा 406 — आपराधिक न्यासभंग के लिए दण्ड –. जो कोई आपराधिक न्यासभंग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।.