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  1. Kabir Das Ka Jivan Parichay: संत कबीर दास 15वीं सदी में हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के सबसे प्रसिद्ध कवि, विचारक माने जाते हैं। इनका संबंध भक्तिकाल की ...

  2. Oct 10, 2023 · प्रमुख रचनाएँ. साखी, सबद ,रमैनी, भाषा. अवधी, सधुक्कड़ी, पंचमेल खिचड़ी. प्रसिद्ध महान कवि, समाज सुधारक, कबीर का जन्म (Kabir Das ka Janam) चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार एक ठाठ ठए।. जेठ सुदी बरसायत को पूरनमासी तिथि प्रगट भए॥. घन गरजें दामिनि दमके बूँदे बरषें झर लाग गए।. लहर तलाब में कमल खिले तहँ कबीर भानु प्रगट भए॥.

  3. Feb 1, 2017 · भारत के महान संत और आध्यात्मिक कवि कबीर दास का जन्म वर्ष 1440 में और मृत्यु वर्ष 1518 में हुई थी। इस्लाम के अनुसार ‘कबीर’ का अर्थ महान होता है। कबीर पंथ एक विशाल धार्मिक समुदाय है जिन्होंने संत आसन संप्रदाय के उत्पन्न कर्ता के रुप में कबीर को बताया। कबीर पंथ के लोग को कबीर पंथी कहे जाते है जो पूरे उत्तर और मध्य भारत में फैले हुए है। संत कबीर के ...

  4. Nov 3, 2022 · कबीर दास को संत कबीर दास के नाम से भी जाना जाता है। कबीर दास का व्यक्तित्व बेहद अद्भुत था क्योंकि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह समाज में एक महान संत एवं समाज सुधारक के रूप में कार्य किया करते थे जिसके कारण उन्हें संत समुदाय का प्रवर्तक (संचालक) भी माना जाता था। कबीर दास जी के जन्म के विषय में यह धारणा है कि इनकी माता एक विधवा ब्राह्मणी थी जिन...

  5. कबीरदास या कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महानतम कवि थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएँ सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं। [1] [2] वे एक सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास रखते थे। उन्होंने सामाज म...

  6. Apr 15, 2024 · कबीर दास जी ज्ञानमार्गी शाखा के एक महान संत व समाज-सुधारक थे। कबीर जी को संत समुदाय का प्रवर्तक माना जाता है। कबीर दास जी का जन्म विक्रम संवत 1455 अर्थात सन 1398 ईस्वी में हुआ था।.

  7. Kabir Das ka Jivan Parichay | कबीर दास का जीवन परिचय. संतकाव्य धारा, Hindi writers, Jivan Parichay / By केवल कृष्ण घोड़ेला. आज के आर्टिकल में भक्तिकाल के चर्चित कवि कबीरदास ...

  8. कबीर के एक पद से प्रतीत होता है कि वे अपनी माता की मृत्यु से बहुत दु:खी हुए थे। उनके पिता ने उनको बहुत सुख दिया था। वह एक जगह कहते हैं कि उसके पिता बहुत "गुसाई' थे। ग्रंथ साहब के एक पद से विदित होता है कि कबीर अपने वयनकार्य की उपेक्षा करके हरिनाम के रस में ही लीन रहते थे। उनकी माता को नित्य कोश घड़ा लेकर लीपना पड़ता था। जबसे कबीर ने माला ली थी, ...

  9. संत कबीरदास (kabirdas)हिन्दी साहित्य के भक्ति काल के अंतर्गत ज्ञानमार्गी शाखा के कवि हैं । कबीरदास का जन्म सन 1398 में काशी में लहरतारा तालाब के पास हुआ था । इनका पालन पोषण नीरू और नीमा नामक निःसंतान जुलाहा नें किया था।.

  10. संत कबीर दास का जीवन. संत-कवि कबीर दास का जन्म 15वीं शताब्दी के मध्य में काशी (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। कबीर के जीवन के विवरण ...