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Feb 8, 2024 · Tulsidas ke Dohe in Hindi :तुलसीदास एक महान संत, और साधु थे जिन्हें गोस्वामी तुलसीदास के नाम से भी जाना जाता था। उन्हें रामानंद सम्प्रदाय का सुधारक ...
Feb 5, 2023 · Tulsidas Dohe On Wisdom - तुलसीदास के दोहे बुद्धिमत्ता पर. 1. श्रीमद वक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि. मृग लोचनि के नैन सर को अस लागि न जाहि।. अर्थ : लक्ष्मी के अहंकार ने किसे टेढ़ा और प्रभुता अधिकार ने किसे बहरा नही किया है। युवती स्त्री के नयन वाण से कौन पुरूश बच सका है।. 2. ग्यानी तापस सूर कवि कोविद गुन आगार.
- रामललानहछू
- रामाज्ञा प्रश्न
- दोहावली
- हनुमानबाहुक
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सनातन धर्म के 16 संस्कार गीतों में से यह एक संस्कार गीत है। गोद लिहैं कौशल्या बैठि रामहिं वर हो। सोभित दूलह राम सीस, पर आंचर हो।।
रामाज्ञा प्रश्न ज्योतिष शास्त्रीय पद्धति का ग्रंथ है। इस रचना में दोहों, सप्तकों और सर्गों का समावेश मिलता है। यह ग्रंथ रामकथा के विविध मंगल एवं अमंगलमय प्रसंगों को अपने में समिति हुई रचना है। सभी इसे तुलसीकृत रचना मानते हैं।
तुलसी कृत दोहावली में अधिकांश दोहे मानस के हैं। दोहो को जनमानस ने बहुत ही प्रेम से अपनाया और इसका प्रचार प्रसार भी बहुत हुआ। दोहावली मुख्यत दोहा संकलन द्वारा निर्मित है।
इसके अलावा भी तुलसी दस जी ने हनुमानबाहुक जो की हनुमान भक्ति में रचित उनकी अद्भुत रचना है। आज से लगभग चार सौ वर्ष पूर्व तुलसीदास जी ने इन अद्भुत कृतियों की रचना की थी। सबसे अचरज यह है की उस समय आधुनिक सुविधाओं के ना होते हुए भी तुलसीदास जी का काव्य प्रत्येक जनमानस तक पहुँचा था। यह उनके ज्ञान और लोगो के प्रति उनके काव्य को प्रेम दोनों को दर्शाता है। ...
हिंदी कोना वेबसाइट पर तुलसीदास के दोहे हिंदी में पढ़ें और उनका हिंदी अर्थ जानें। तुलसीदास के दोहे हिंदी में पढ़ें और उनका हिंदी अर्थ जानें।
Feb 1, 2022 · इस लेख में 69+ तुलसीदास के दोहे हिन्दी अर्थ सहित Tulsidas Ke Dohe in Hindi दिया गया है। इसमें तुलसीदास के सर्वश्रेष्ट कवितावली, व दोहों (चौपाई) को ...
Nov 11, 2013 · Tulsidas Ji Ke Dohe With Meaning in Hindi. श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के महान कवि थे| तुलसीदास जी के दोहे ज्ञान-सागर के समान हैं| आइये हम इन दोहों को अर्थ सहित पढ़ें और इनसे मिलने वाली सीख को अपने जीवन में उतारें. गोस्वामी तुलसीदास जी. —1— राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार |. तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर ||
तुलसीदास के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ दोहे. 122. Favorite. ‘तुलसी’ काया खेत है, मनसा भयौ किसान।. पाप-पुन्य दोउ बीज हैं, बुवै सो लुनै निदान ...
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तुलसीदास के दोहे का क्या अर्थ है?
तुलसीदास जी की तुलना मूर्खों से क्यों की जा सकती है?
तुलसीदासजी क्या कहते हैं?
तुलसीदास के कितने विलक्षण कवी थे?
Feb 29, 2024 · अर्थ: – इस दोहे में गोस्वामीजी शब्द और संवाद के महत्व को रेखांकित कर रहे हैं । गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं -कि मीठे वचन से सर्वत्र सब ओर प्रसन्नता और खुशी फैलती है । सुखकारी भावनाओं का प्रसार होता है । दूसरों को वश में करने का भी एकमात्र मंत्र मधुर वचन ही हैं । अतः मानव मात्र को कठोर वचन का परित्याग करके मधुरभाषी बनना चाहिए ।. -2-