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Jul 10, 2020 · मुंशी प्रेमचंद के द्वारा रचित ‘सवा सेर गेहूं’ किसानों के संघर्ष, मेहनत, पीड़ा और शोषक समाज की कहानी हैं Sawa Ser Gehu के लिए ज़िन्दगी भर ...
ख़ुश-क़िस्मती से गाँव के पुरोहित जी के यहाँ थोड़े से गेहूँ मिल गए। उनसे सवा सेर गेहूँ उधार लिए और बीवी से कहा कि पीस दे। महात्मा ने खाया। लंबी तान कर सोए और सुबह आशीर्वाद दे कर अपना रास्ता लिया।.
Oct 9, 2021 · Sawa Ser Gehun | Read a Hindi story / kahani by Premchand about how people are oppressed and made slaves in a feudal system.
ख़ुश-क़िस्मती से गाँव के पुरोहित जी के यहाँ थोड़े से गेहूँ मिल गए। उनसे सवा सेर गेहूँ उधार लिए और बीवी से कहा कि पीस दे। महात्मा ने खाया। लंबी तान कर सोए और सुबह आशीर्वाद दे कर अपना रास्ता लिया।.
Sawa Ser Gehun (One and a Quarter Ser of Wheat) was first published in Urdu as ‘Sawa Ser Gehun’ in Chand (Issue: November, 1924), and later included in Firdaus-e Khayaal, (Allahabad: Indian Press, 1924).
सवा सेर गेहूँ. प्रेमचंद. किसी गाँव में शंकर नाम का एक कुरमी किसान रहता था। सीधा-सादा गरीब आदमी था, अपने काम-से-काम, न किसी के लेने में, न ...