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  1. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ( 9 सितंबर 1850- 6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता...

  2. यह पृक्ष्ठ आपको भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जन्म, प्रेरण, साहित्यिक परिचय, रचनाएं, भाषा शैली एवं काव्यगत विशेषताएं की सूचना देता है। उनकी प्रेरण में ही उन्होंने हिंदी में क

  3. भारतेन्द्र हरिश्चन्द्र ( अंग्रेज़ी: Bharatendu Harishchandra, जन्म: 9 सितम्बर सन् 1850, काशी; मृत्यु: 6 जनवरी, सन् 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। भारतेन्दु हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। जिस समय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का अविर्भाव हुआ, देश ग़ुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। अंग्रेज़ी शासन में अंग्रेज़ी चरमोत्कर्ष पर ...

  4. Bhartendu Harishchandra in Hindi: क्या आप जानते हैं कि भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी साहित्य का पितामह कहा जाता है। बता दें कि वर्ष 2024 में आधुनिक काल के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र की 140वीं जयंती मनाई जाएगी। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने 35 वर्षों के अपने अल्प जीवनकाल में लगभग 10 वर्षों तक हिंदी साहित्य जगत में गद्य और पद्य विधा में कई अनुपम कृ...

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  5. अनूदित नाटकों की ट्रिक्स – Bhartendu Harishchandra Natak Tricks विद्या रत्न है पाखण्ड धन कपूर है, पर दुर्लभ है भारतजन में मुद्रा ।

  6. Dec 19, 2016 · भारतेंदु हरिशचंद्र की जीवनी – Bhartendu Harishchandra Biography In Hindi. वे अपने उपनाम “रसा”, से कोई भी लेख लिखते थे, हरिशचंद्र ने अपने लेखो में लोगो की व्यथा ...

  7. आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र की जीवन का समाप्त कथा. इनके प्रकाशित कार्य, परिवार, मृत्यु और साहित्य के प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी है.