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  1. कृष्णा सोबती (१८ फ़रवरी १९२५- २५ जनवरी २०१९ ) (सम्बद्ध भाग अब पाकिस्तान में) मुख्यतः हिन्दी की आख्यायिका (फिक्शन) लेखिका थी । उन्हें ...

  2. आज के आर्टिकल में हम कृष्णा सोबती के जीवन परिचय (Krishna Sobti ka Jivan Parichay) के जीवन परिचय को विस्तार से पढेंगे और इनसे जुड़ें महत्त्वपूर्ण तथ्यों ...

  3. Sep 29, 2021 · Krishna Sobti Biography In Hindi: हिंदी साहित्य की महान साहित्यकारा और लेखिका के रूप में जानी जाने वाली कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात और पंजाब के उस ...

  4. Jan 25, 2019 · ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी की जानी-मानी लेखिका कृष्णा सोबती का 93 की उम्र में 25 जनवरी 2019 (शुक्रवार ) को निधन हो गया। वे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हिंदी की 11वीं रचनाकार थीं। उन्हें यह पुरस्कार 2017 में दिया गया था.

  5. कृष्णा सोबती का जीवन परिचय | Krishna Sobti Ka Jivan Parichay. कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को गुजरात में हुआ था। भारत के विभाजन के समय गुजरात का वह हिस्सा पाकिस्तान में चले जाने के बाद उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया। इनके परिवार के कुछ लोग औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार के मुलाजिम थे।.

  6. by Rishabh Satpute. कृष्णा सोबती की जीवनी, जन्म, मृत्यु, प्रमुख रचनाएँ और साहित्य | Kavitri Krishna Sobti Biography, Birth, Death, and Literature in Hindi. हिंदी कथा साहित्य में कृष्णा सोबती ...

  7. कृष्णा सोबती ( अंग्रेज़ी: Krishna Sobti, जन्म: 18 फ़रवरी, 1925, गुजरात (अब पाकिस्तान में) - निधन: 25 जनवरी 2019, दिल्ली) अपनी साफ-सुधरी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती हैं। इन्होंने हिन्दी की कथा-भाषा को अपनी विलक्षण प्रतिभा से अप्रतिम ताज़गी़ और स्फूर्ति प्रदान की है। कृष्णा सोबती ने पचास के दशक से ही अपना लेखन कार्य प्रारम्भ कर दिया ...

  8. साहित्य अकादमी फेलोशिप (1996) ज्ञानपीठ (2017) कृष्णा सोबती (18 फरवरी 1925 – 25 जनवरी 2019) एगो भारतीय लेखिका रहली। हिंदी में साहित्य रचना करे वाली ...

  9. Considered the grande dame of Hindi literature, Krishna Sobti was born in Gujrat, Punjab, now in Pakistan; she also wrote under the name Hashmat and has published Hum Hashmat, a compilation of pen portraits of writers and friends.

  10. कृष्णा सोबती (१८ फ़रवरी १९२५, गुजरात (अब पाकिस्तान में)) हिन्दी की कल्पितार्थ (फिक्शन) एवं निबन्ध लेखिका हैं। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था। अपनी संयमित अभिव्यक्ति और सुथरी रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। उनके भाषा सं...