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  1. बोधिधर्म - विकिपीडिया. बोधिधर्म एक महान भारतीय बौद्ध भिक्षु एवं विलक्षण योगी थे। इन्होंने 520 या 526 ई. में चीन जाकर ध्यान-सम्प्रदाय ( झेन बौद्ध धर्म) का प्रवर्तन या निर्माण किया। ये दक्षिण भारत के कांचीपुरम के राजा स्कंद वर्मन के तृतीय पुत्र थे। इन्होंने अपनी चीन-यात्रा समुद्री मार्ग से की। वे चीन के दक्षिणी समुद्री तट केन्टन बन्दरगाह पर उतरे।.

  2. Oct 3, 2021 · बोधिधर्म का जन्म दक्षिण भारत में पल्लव राज्य के राज परिवार में हुआ था। वह कांचीपुरम के राजा के पुत्र थे, लेकिन छोटी आयु में ही उन्होंने राज्य छोड़ दिया और भिक्षुक बन गए। 22 साल की उम्र में जब वह प्रबुद्ध हो गए, तो उन्हें बौद्ध धर्म के संदेश वाहक के रूप में चीन भेजा गया। जैसे ही उनके आने की खबर राजा वू को मिली, वह अपने राज्य की सीमा तक खुद पहुंचा...

  3. बोधिधर्म हे एक भारतीय बौद्ध भिक्खू होते, ज्यांनी चीनमध्ये कुंफूचा प्रसार केला. ते इसवी सन ५व्या ते ६व्या शतकात होऊन गेले. झेन (चान ...

  4. Aug 26, 2019 · Bodhidharma History in Hindi. बोधिधर्म एक प्रसिद्ध भारतीय बौद्ध भिक्षु थे, जिन्हों चीन में बोध धर्म की स्थापना की थी उन्हें बोधी धर्मन के नाम से भी जाना जाता है। बोधिधर्म को मार्शल आर्ट्स के जनक के रुप में भी जाता जाता है। वहीं चीन में मार्शल आर्टस् की कला को लाने का पूरा श्रेय इन्हीं को जाता है।.

  5. बौद्ध धर्म के अनुसार, चौथे आर्य सत्य का आर्य अष्टांग मार्ग है दुःख निरोध पाने का रास्ता। गौतम बुद्ध कहते थे कि चार आर्य सत्य की ...

  6. बोधी धर्मन या बोधिधर्म एक बौद्ध भिक्षु थे। बोधिधर्म का जन्म दक्षिण भारत के पल्लव राज्य के कांचीपुरम के राज परिवार में हुआ था। वे कांचीपुरम के राजा सुगंध के तीसरे पुत्र थे। छोटी आयु में ही उन्होंने राज्य छोड़ दिया और भिक्षुक बन गए। 22 साल की उम्र में उन्होंने संबोधि (मोक्ष की पहली अवस्था) को प्राप्त किया। - चीन और दक्षिण भारत के महाबलीपुरम का संब...

  7. Mar 16, 2022 · Bodhidharma History | बोधिधर्म का इतिहास और जीवन परिचय. March 16, 2022 by अंशिका जौहरी. भारतीय भूमि को समय-समय पर अनेक महान् व्यक्तियों ने अपने जन्म से पावन किया है। यही कारण है कि भारत सम्पूर्ण दुनिया में अपनी अद्भुत सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ कई विशेष लोगों की जन्मस्थली के तौर पर भी जाना जाता है.