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  1. गौरा गाय , महादेवी वर्मा की एक महत्वपूर्ण कहानी है .इसका कथानक एक ऐसी गाय से सम्बद्ध है जो बछिया के रूप में लेखिका को उसकी छोटी बहन श्यामा से प्राप्त हुई है .एक वर्ष बाद गौरा एक सुन्दर बछड़े की माँ बनती है .वत्स लाल रंग और स्वेत रंग की थी .जब कभी माँ और वत्स एक स्थान पर होते तो ऐसा प्रतीत होता था कि हिमराशि और ज्वलित अंगार एक साथ शोभायाँ हैं .लेख...

  2. गौरा गाय (रेखाचित्र) : महादेवी वर्मा. Gaura Gaay (Rekhachitra) : Mahadevi Verma. (गाय के नेत्रों में हिरन के नेत्रों-जैसा विस्मय न होकर आत्मीय विश्वास रहता है। उस पशु को मनुष्य से यातना ही नहीं, निर्मम मृत्यु तक प्राप्त होती है, परंतु उसकी आंखों के विश्वास का स्थान न विस्मय ले पाता है, न आतंक।)

  3. May 22, 2020 · लेखिका: महादेवी वर्मा. गाय के नेत्रों में हिरन के नेत्रों-जैसा विस्मय न होकर आत्मीय विश्वास रहता है. उस पशु को मनुष्य से यातना ही नहीं, निर्मम मृत्यु तक प्राप्त होती है, परंतु उसकी आंखों के विश्वास का स्थान न विस्मय ले पाता है, न आतंक. गौरा मेरी बहिन के घर पली हुई गाय की व:यसंधि तक पहुंची हुई बछिया थी.

  4. Gaura Gaay : Mahadevi Verma. गाय के नेत्रों में हिरन के नेत्रों-जैसा विस्मय न होकर आत्मीय विश्वास रहता है। उस पशु को मनुष्य से यातना ही नहीं, निर्मम मृत्यु तक प्राप्त होती है, परंतु उसकी आंखों के विश्वास का स्थान न विस्मय ले पाता है, न आतंक।.

  5. लेखक - महादेवी वर्मा. गौरा मेरी बहिन के घर पली हुई गाय की वयःसन्धि तक पहुँची हुई बछिया थी । उसे इतने स्नेह और दुलार से पाला गया था कि यह अन्य गोवत्साओं से कुछ विशिष्ट हो गई थी!

  6. Oct 9, 2016 · Gaura: Mahadevi never used to rear animals at home. This was primarily the reason for her being hesitant to accept Gaura from her sister. Nevertheless, she welcomed Gaura. As it became increasingly difficult for her servants to milk Gaura, Mahadevi was forced to temporarily hire a milkman.

  7. महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य. रेखाचित्र: अतीत के चलचित्र (१९४१) और स्मृति की रेखाएं (१९४३), संस्मरण: पथ के साथी (१९५६) और मेरा परिवार (१९७२) और संस्मरण (१९८३) चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण (१९७४) निबंध: शृंखला की कड़ियाँ [19] (१९४२), विवेचनात्मक गद्य (१९४२), साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध (१९६२), संकल्पिता (१९६९)

  8. Gaura is one of the famous story of Mahadevi Verma. it's a story of love and hatred of human simultaneously. Here we are giving you an opportunity to listen and enjoy the original story...

  9. महादेवी वर्मा (जन्म: २६ मार्च, १९०७, फरुक्खाबाद - निधन: ११ सितम्बर, १९८७, प्रयाग) हिंदी बोली की मशहूर कवित्री और लेखक हैं। उन्होंने गद्य, काव्य, शिक्षा और चित्रकला सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किये। महादेवी वर्मा की गणना हिंदी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख कवियों सुमित्रानन्दन पंत, जय शंकर प्रसाद और सूर्याकांत त्रिपाठी निराला के साथ क...

  10. en.m.wikipedia.org › wiki › Mahadevi_VarmaMahadevi Varma - Wikipedia

    Mahadevi Verma (26 March 1906 – 11 September 1987) was an Indian Hindi-language poet, essayist, sketch story writer and an eminent personality of Hindi literature. She is considered one of the four major pillars [a] of the Chhayawadi era in Hindi literature . [1]