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  1. Mar 20, 2020 · 20th March 2020. Ramdhari Singh Dinkar Poems In Hindi : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताएं वीरता, विद्रोह और क्रांति के शब्दों से भरी हुई हैं। उनकी कविताएं व्यक्ति को निराशावाद से आशावाद की ओर ले जाती हैं।. रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखित कविताओं में से महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध कविताएं और कविताओं के अंश यहां प्रस्तुत किए गए हैं।.

  2. कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी, द्वंदगीत, बापू, धूप छाँह, मिर्च का मज़ा, सूरज का ब्याह. विविध. काव्य संग्रह उर्वशी के लिये 1972 के ...

  3. Jul 11, 2023 · रामधारी सिंह दिनकर जी, जन्म: 23 सितंबर 1908, संवत् 1965 में आईं, जन्मस्थान: सिमरा, बिहार। उनके पिता का नाम बाबूराम था। दिनकर जी की कविताएं हिंदी साहित्य की महत्वपूर्ण धाराओं में गिनी जाती हैं। उन्होंने वाराणसी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक पद प्राप्त किया और उसके बाद शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे। दिनकर जी के लेखन में विशेष रूप से राष्ट्र...

  4. दिनकर जी की वीर रस की कविताएं आपको सदा जोश से भर देंगी। इन्हीं कविताओं में से एक प्रसिद्ध कविता, “ सिंहासन खाली करो कि जनता आती है ” भी है। जो कि भारत के गणतंत्र की घोषणा यानि कि लोकतंत्र के पक्ष में लिखी गयी थी। जिसका उद्देश्य लोकतंत्र में जनता को जनार्दन का सम्मान देना और समाज को जागरूक करना था।. सदियों की ठण्डी-बुझी राख सुगबुगा उठी.

  5. Sep 23, 2016 · वैसी कविता जो मन को आंदोलित कर दे और उसकी गूंज सालों तक सुनाई दे. ऐसा बहुत ही कम हिन्दी कविताओं में देखने को मिलता है. कुछ कवि जनकवि ...

  6. Ramdhari singh dinkar hindi kavita महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध 5 कविताएं. Read more about ramdhari singh dinkar poem, ramdhari singh dinkar in hindi, ramdhari singh dinkar famous poem on amar ujala kavya.

  7. मोबाइल दृश्य. शक्ति और क्षमा / रामधारी सिंह "दिनकर" - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू ...

  8. यह पृष्ठ 32,12,775 बार देखा गया है।. गोपनीयता नीति. रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर" - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन ...

  9. रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्‍बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। [1] [2] वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को इनके काव्य की मूल-भूमि मानते हुए इन्हे 'युग-चारण' व 'काल के चारण' की संज्ञा दी गई है। [3]

  10. रामधारी सिंह दिनकर की कविता हिमालय आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितना कभी अपनी रचना के समय थी। रामधारी सिंह दिनकर की कविता युवाओं की चेतना जगाए रखने का काम करती है। हिन्दी साहित्य के अनमोल रत्न राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी एक ऐसे कवि थे, जिन्होंने जन-जन की पीड़ाओं को अपने शब्दों में स्थान दिया। दिनकर जी का जन्म 30 सितंबर 1908 में बिहार के सि...