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  1. तुलसीदास - विकिपीडिया. गोस्वामी श्री तुलसी दास जी. गोस्वामी तुलसीदास (११ अगस्त १५११ - १६२३) हिन्दी साहित्य के महान भक्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदिकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।.

  2. Feb 2, 2021 · तुलसीदास जी का जीवन परिचय – Tulsidas in Hindi. पूरा नाम (Name) गोस्वामी तुलसीदास. जन्म (Birthday) सवंत 1589. जन्मस्थान (Birthplace) राजापुर, बाँदा, उत्तर प्रदेश. माता ...

  3. Feb 1, 2017 · तुलसीदास का जन्म श्रावण मास के सातवें दिन में चमकदार अर्ध चन्द्रमा के समय पर हुआ था। उत्तर प्रदेश के यमुना नदी के किनारे राजापुर (चित्रकुट) को तुलसीदास का जन्म स्थान माना जाता है। इनके माता-पिता का नाम हुलसी और आत्माराम दुबे है। तुलसीदास के जन्म दिवस को लेकर जीवनी लेखकों के बीच कई विचार है। इनमें से कई का विचार था कि इनका जन्म विक्रम संवत के अनु...

  4. May 2, 2020 · Tulsidas Biography in Hindi – संछिप्त परिचय. नाम – गोस्वामी तुलसीदास. जन्म – सन 1532 or 1511 (संवत – 1589), राजापुर, उत्तर प्रदेश. पिता का नाम – आत्माराम दुबे. माता का नाम – हुलसी. पत्नी का नाम – रत्नावली. कार्यक्षेत्र – कवि, समाज सुधारक. मृत्यु – सन 1623 (संवत- 1680), काशी. कर्मभूमि – बनारस (वाराणसी) काल – भक्ति काल. विधा – कविता, दोहा, चौपाई.

  5. रामचरितमानस. श्रीरामचरितमान गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके नायक मर्यादा पुरुषोत्तम राम ...

  6. Tulasidas Biography, Books, Death, Poem, Rachanaye in Hindi. गोस्वामी तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के महान कवि के रूप हमेशा याद किये जाते हैं.

  7. Nov 3, 2023 · तुलसीदास का विवाह | Tulsidas Biography in Hindi. Tulsidas Vivah: तुलसीदास के उम्र जब 29 साल से तो उनकी शादी रत्नावली नाम की लड़की के साथ हुआ है तो काफी खूबसूरत थी ...

  8. Tulsidas Poems in Hindi, Tulsidas ki Rachnaye, Tulsidas ki Kavita, जीवन परिचय आदि सब कुछ इस ब्लॉग में दिया गया है।

  9. Apr 2, 2018 · तुलसीदास (1532-1623) एक महान भारतीय कवि और दार्शनिक थे। तुलसीदास जी ‘रामचरितमानस’ के रचयिता हैं, जो अब तक के लिखे गए सबसे महान महाकाव्यों में से एक है। तुलसीदास जी का पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास था...

  10. मौनी अमावस्या के उस सुन्दर बुधवार के दिन सम्वत १६०७ में भगवान राम उनके सम्मुख पुनः प्रकट हुए। इस बार वे बालक के रूप में थे। उन्होंने तुलसीदास जी से कहा, बाबा हमें चन्दन दो। पर तुलसीदास जी दर्शन में ऐसे खोये कि प्रभु की वाणी भी नहीं सुनी। तब हनुमान जी ने तुलसीदास जी की सहायता के लिए तोते के रूप में एक दोहा बोला - चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर...

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