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झूठा सच, दिव्या. यशपाल (३ दिसम्बर १९०३ - २६ दिसम्बर १९७६) हिन्दी साहित्य के प्रेमचंदोत्तर युगीन कथाकार हैं। ये विद्यार्थी जीवन से ही ...
Yashpal Singh (3 December 1903 – 26 December 1976) was a Hindi-language writer, political commentator, a socialist and an essayist. He wrote in a range of genres, including essays, novels and short stories, as well as a play, two travel books and an autobiography.
यशपाल का परिचय. जन्म : 3 दिसंबर 1903 | फ़ीरोजपुर, पंजाब. निधन : 26 दिसंबर 1976 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश. पुरस्कार : पद्म भूषण पुरस्कार (1970) | साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1976)
Dec 28, 2023 · सिंहावलोकन नाम से आपने अपनी आत्मकथा लिखी. आपने विप्लव नामक पत्रिका का सम्पादन भी किया, यशपाल की प्रमुख रचनाओं का नामोउल्लेख इस प्रकार हैं. कहानी संग्रह – तर्क का तूफान, भस्मावृत, धर्मयुद्ध, ज्ञानदास, फूलों का कुर्ता, पिंजरे की उड़ान, तुमने क्यों कहा मैं सुंदर हूँ, चिंगारी आदि.
यशपाल (३ दिसम्बर १९०३-२६ दिसम्बर १९७६) हिन्दी साहित्य के प्रेमचंदोत्तर युगीन कथाकार हैं। वे विद्यार्थी जीवन से ही क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।उनका का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को पंजाब में, फ़ीरोज़पुर छावनी में एक साधारण खत्री परिवार में हुआ ...
यशपाल की कहानियाँ, लेख, ई-पुस्तकें और अन्य विधाओं का समस्त लेखन यहाँ उपलब्ध है. उनकी ऑडियो-विडियो से भी लाभान्वित हो सकते हैं.
यशपाल has 42 books on Goodreads with 2840 ratings. यशपाल’s most popular book is झूठा सच : वतन और देश [Jhootha Sach: Vatan Aur Desh].
Jan 9, 2022 · यशपाल (फोटो साभार: bookday.in) पंजाब के फ़िरोज़पुर में 3 दिसंबर 1903 को जन्मे यशपाल की पहचान के कई सूत्र हैं. क्रांतिकारी, समाजवादी-मार्क्सवादी विचारक, लेखक, यह सब सूत्र यशपाल से जुड़ते हैं.
यशपाल ( अंग्रेज़ी: Yashpal, जन्म- 3 दिसम्बर, 1903 ई., फ़िरोजपुर छावनी; मृत्यु- 26 दिसंबर, 1976) हिन्दी के यशस्वी कथाकार और निबन्ध लेखक हैं। यशपाल राजनीतिक तथा साहित्यिक, दोनों क्षेत्रों में क्रान्तिकारी हैं। उनके लिए राजनीति तथा साहित्य दोनों साधन हैं और एक ही लक्ष्य की पूर्ति में सहायक हैं।. विषय सूची. 1 जीवन परिचय. 2 क्रान्तिकारी आन्दोलन.
Born on 03 December 1903 in the village of Bhumpal (present-day Hamirpur district) situated in the Kangra Hills of Himachal Pradesh, Yashpal was a prolific writer in Hindi, a political commentator, a socialist, and a freedom fighter.