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  1. सुदर्शन (1896-1967) प्रेमचन्द परम्परा के कहानीकार थे।इनका दृष्टिकोण सुधारवादी है। ये आदर्शोन्मुख यथार्थवादी थे। मुंशी प्रेमचंद और उपेन्द्रनाथ अश्क की तरह सुदर्शन हिन्दी और उर्दू में लिखते रहे थे। उनकी गणना प्रेमचंद संस्थान के लेखकों में विश्वम्भरनाथ कौशिक, राजा राधिकारमणप्रसाद सिंह, भगवतीप्रसाद वाजपेयी आदि के साथ की जाती है। अपनी प्रायः सभी प्रस...

  2. Dec 27, 2023 · Biography Of Hindi Writer Sudarshan In Hindi: आज हम हिंदी लेखक सुदर्शन का जीवन परिचय पढ़ेगे. इनका वास्तविक नाम बद्रीनाथ भट्ट था.

  3. सुदर्शन ( अंग्रेज़ी: Sudarshan; जन्म- 1896 ई., सियालकोट, वर्तमान पाकिस्तान) हिन्दी और उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका वास्तविक नाम 'पण्डित बद्रीनाथ भट्ट' था। सुदर्शन प्रेमचन्द परम्परा के कहानीकार थे। मुंशी प्रेमचंद और उपेन्द्रनाथ अश्क के समान ही वे हिन्दी और उर्दू में लिखते रहे। उन्होंने अपनी प्राय: सभी प्रसिद्ध कहानियों में समस्याओं का आद...

  4. सुदर्शन | Sudershan. वास्तविक नाम बदरीनाथ था। आपका जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में १८९६ में हुआ था। सुदर्शन की कहानियों का मुख्य लक्ष्य समाज व राष्ट्र को स्वच्छ व सुदृढ़ बनाना रहा है। प्रेमचन्द की भांति आप भी मूलत: उर्दू में लेखन करते थे व उर्दू से हिन्दी में आये थे। सुदर्शन की भाषा सहज, स्वाभाविक, प्रभावी और मुहावरेदार है।.

  5. सुदर्शन. सुदर्शन (1896-16 दिसंबर 1967) का जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ । उनका मूल नाम पंडित बदरीनाथ भट्ट था । उन्होंने उर्दू ...

  6. सुदर्शन का वास्तविक नाम बदरीनाथ था। आपका जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में १८९६ में हुआ था। सुदर्शन की कहानियों का मुख्य ...

  7. हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार सुदर्शन का जन्म वर्ष 1896 में पाकिसतन के सियालकोट में हुआ था। उनका मूल नाम ‘ पंडित बद्रीनाथ भट्ट’ था किंतु साहित्य जगत में वह अपने उपनाम ‘सुदर्शन’ (Sudarshan) से विख्यात हुए। बता दें कि सुदर्शन के माता-पिता व शिक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।. प्रेमचंदयुगीन कहानीकार थे सुदर्शन.

  8. एक कवि की दूसरे कवि पर लिखी गई कविता।. सुदर्शन का जीवन परिचय और प्रसिद्ध और प्रतिनिधि रचनाएँ यहां पढ़िए।.

  9. Sudarshan used to write in Hindi & Urdu. He is often considered in the league of great Hindi writer Premchand, and his stories are full of realism portraying the signs of idealism and reforms in Indian society.

  10. Jun 26, 2019 · लेखक: सुदर्शन. मां को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था. भगवद् भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता. वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान. उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाक़े में न था.