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  1. Maithili Sharan Gupt (3 August 1886 – 12 December 1964) was one of the most important modern Hindi poets. He is considered one among the pioneers of Khari Boli (plain dialect) poetry and wrote in Khari Boli dialect, at a time when most Hindi poets favoured the use of Braj Bhasha dialect.

  2. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (३ अगस्त १८८६ – १२ दिसम्बर १९६४) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। [2] उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था। उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी और इसी कारण महात्मा गांधी ...

  3. कुछ प्रमुख कृतियाँ. साकेत, यशोधरा, जयद्रथ वध, पंचवटी, अर्जन-विसर्जन, काबा-करबला. विविध. मैथिलीशरण गुप्त जी की बहुत-सी रचनाएँ रामायण और ...

  4. बांग्ला से अनूदित : विरहिणी ब्रजांगना, पलासी का युद्ध, वीरांगना, मेघनाद वध, वृत्र संहार उनके समस्त रचनाकर्म को ‘मैथिलीशरण गुप्त ...

  5. . यशोधरा : मैथिलीशरण गुप्त. Yashodhara : Maithilisharan Gupt. मंगलाचरण. राम, तुम्हारे इसी धाम में. नाम-रूप-गुण-लीला-लाभ, इसी देश में हमें जन्म दो, लो, प्रणाम हे नीरजनाभ ।. धन्य हमारा भूमि-भार भी, जिससे तुम अवतार धरो, भुक्ति-मुक्ति माँगें क्या तुमसे, हमें भक्ति दो, ओ अमिताभ ! सिद्धार्थ. 1. घूम रहा है कैसा चक्र !

  6. Maithilisharan Gupt collection of poetry, ghazal, Nazm in Urdu, Hindi & English. Read more about Maithilisharan Gupt and access their famous audio, video, and ebooks.”.

  7. गुप्त जी भारतीय संस्कृति ,वैष्णव भावना तथा राष्ट्र प्रेम के प्रतिनिधि कवी हैं .उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जातीय निर्माण का मन्त्र उद्घोषित किया है .सोयी हुई जनता को आपने निरंतर जगाने का प्रयास किया है .लोगों का ध्यान अतीत के गौरव और पूर्वजों की ओर आकृष्ट करते हुए वे कहते हैं - सबकी नसों मे पूर्वजों का पुण्य रक्त प्रवाह हो,

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