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  1. दांडी मार्च, जिसे नमक मार्च (Salt March) और दांडी सत्याग्रह (Dandi Satyagraha) के नाम से भी जाना जाता है, मोहनदास करमचंद गांधी के नेतृत्व में किया गया एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन था। इसे 12 मार्च, 1930 से 6 अप्रैल, 1930 तक नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चलाया गया। गांधीजी ने...

  2. Jan 12, 2019 · दांडी यात्रा Dandi March. नमक मार्च, जिसे दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है, मार्च-अप्रैल 1930 में मोहनदास (महात्मा गांधी ...

  3. Mar 14, 2022 · दांडी मार्च, जिसे नमक मार्च (Salt March) और दांडी सत्याग्रह (Dandi Satyagraha) के नाम से भी जाना जाता है, मोहनदास करमचंद गांधी के नेतृत्व में किया गया एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन था।. इसे 12 मार्च, 1930 से 6 अप्रैल, 1930 तक नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चलाया गया।.

  4. Dec 10, 2019 · दांडी की यात्रा (Dandi March) के विषय में संक्षिप्त विवरण लिखें. उत्तर :- गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन का प्रारंभ दांडी नामक गाँव में समुद्र के जल से नमक बनाकर करने का निश्चय किया. 12 मार्च, 1930 को वह अपने 79 सहयोगियों के साथ साबरमती आश्रम से 200 मील की दूरी पर समुद्रतट पर बसे गाँव दांडी के लिए निकल पड़े.

  5. दांडी मार्च. ऐतिहासिक दांडी मार्च की पूर्व संध्या पर (11-3-1930) [11 मार्च 1930 को, अहमदाबाद के साबरमती में रेत पर आयोजित शाम की प्रार्थना में 10,000 से भी अधिक लोगों की भीड़ जमा हुई थी। अंत में, गांधी जी ने अपने ऐतिहासिक मार्च की पूर्व संध्या पर एक यादगार भाषण दिया:]

  6. दांडी मार्च (अंग्रेज़ी: Dandi March) से अभिप्राय उस पैदल यात्रा से है, जो महात्मा गाँधी और उनके स्वयं सेवकों द्वारा 12 मार्च, 1930 ई.

  7. Mar 12, 2021 · आज ही के दिन महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने भारत की आजादी के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन का आगाज करते हुए दांडी यात्रा (Dandi March) की शुरुआत की थी.

  8. Mar 12, 2021 · एक पवित्र तीर्थयात्रा. 61 साल की उम्र में दांडी यात्रा कर रहे गांधीजी की ऊर्जा बहुत शानदार थी. रोज वे 10 मील से ज्यादा चलते थे. इसके अलावा आश्रम की दैनिक प्रार्थना, चरखा कातना और दैनिनदिनी लिखना भी नहीं छोड़ते थे.

  9. अगले पाँच वर्षों तक गांधीजी ने भारतीय राजनीति में कुछ विशेष योगदान नहीं दिया। अब उनका लक्ष्य भारतीय समाज में परिव्याप्त विषमताओं को दूर करना था। लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं, हिंदु-मुस्लिम एकता, अस्पृश्यता (छूआछूत) महिलाओं की समानता, जनसंख्या समस्या आदि की ओर उन्होंने ध्यान दिया। भारतीय गाँवों के पुनर्निर्माण का स्वप्न वे देखने लगे। ूमैं चाहता ह...

  10. Mar 12, 2017 · दांडी मार्च. गांधी जी हर काम को बड़ी ही शांति और सादगी से करना पसंद करते थे. यहां तक आजादी की लड़ाई भी उन्होंने बिना किसी तलवार और बंदूक के लड़ी. इस कड़ी में एक ऐतिहासिक मार्च निकाला, जिसे हम सब दांडी मार्च के नाम से जानते हैं. दरअसल, यह नमक की लड़ाई थी. अपने देश के नमक की लड़ाई. इसे नमक सत्याग्रह भी कहा गया.