Yahoo India Web Search

Search results

  1. Jul 28, 2022 · कहानी का निष्कर्ष (Conclusion of Story) कफ़न कहानी का सारांश विडियो. प्रेमचंद जी की अन्य रचनाएँ. Other Subject Study Material by Sunaina. कहानी परिचय (Story Introduction)

  2. Jun 15, 2024 · कफन कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध हिंदी कहानी है, जो भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कहानी गरीबी, मानवता, और समाज की क्रूर वास्तविकताओं का मार्मिक चित्रण करती है।.

  3. Kafan Short Summary In Hindi. दोस्तों ये कहानी मुंशी प्रेमचन्द जी द्वारा लिखी गई है, हमने इस स्टोरी को बहुत सिम्पलीफाई करके दिल से आपके लिये लिखा है। एक बात तो जरुर है की ये स्टोरी सुन के आप इमोशनल जरुर हो जायेगें । तो आइये शुरू करते है ।. झोपड़े के दरवाज़े पर बाप और बेटा हाथ सेंकने के लिए जलाई हुई आग के सामने चुपचाप बैठे हुए थे .

  4. पियक्कड़ों की आँखें इनकी ओर लगी हुई थीं और यह दोनों अपने दिल में मस्त गाए जाते थे। फिर दोनों नाचने लगे। उछले भी, कूदे भी। गिरे भी, मटके ...

  5. Dec 30, 2021 · लेखक: मुंशी प्रेमचंद. 1. झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीबी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी. रह-रहकर उसके मुंह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे. जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे में डूबी हुई, सारा गांव अन्धकार में लय हो गया था.

  6. प्रेमचन्द जी ने संवादों के माध्यम से पात्रों की चारित्रिक विशेषताओं का उद्घाटन अत्यन्त मार्मिक एवं कलात्मक ढंग से किया है। ये संवाद कथा-सूत्र को आगे बढ़ाने में सहायक बने हैं।उन्होंने अपने पात्रों के मनोभावों का चित्रण नाटकीय एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर किया है। वे जानते थे कि कौन पात्र किस परिस्थिति में कैसे मनोभावों को व्यक्त करता है। इन्हीं विशेष...

  7. www.rekhta.org › stories › kafan-premchand-storiesकफ़न - Rekhta

    (1) झोंपड़े के दरवाज़े पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने ख़ामोश बैठे हुए थे और अन्दर बेटे की नौजवान बीवी बुधिया दर्द-ए-ज़ेह से पछाड़ें खा रही थी और रह-रह कर उसके मुँह से ऐसी दिल-ख़राश सदा निकलती थी कि दोनों कलेजा थाम लेते थे।. जाड़ों की रात थी, फ़ज़ा सन्नाटे में ग़र्क़, सारा गाँव तारीकी में जज़्ब हो गया था।.