Yahoo India Web Search

Search results

  1. कबीर की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है। इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं। राजस्थानी, हरयाणवी ...

  2. Feb 1, 2017 · भारत में मुख्य आध्यात्मिक कवियों में से एक कबीर दास महान सूफी संत थे जो लोगों के जीवन को प्रचारित करने के लिये अपने दार्शनिक विचार ...

  3. Dec 21, 2018 · कबीर दास की जीवनी | Kabir Das Biography in Hindi. by Shashank Sharma. संत और कवि कबीर दास की जीवनी, कहानी, धर्मं और रचनाएँ | Kabir das Biography, Story, Religion and Poetry work in Hindi. कबीर हिंदी भाषा के भक्ति काल के प्रमुख कवि और समाज सुधारक थे.

  4. Nov 3, 2023 · कबीर दास द्वारा लिखी गई पुस्तकें आम तौर पर दोहों और गीतों का संग्रह हैं। कुल कार्य बहत्तर हैं जिनमें कुछ महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध कार्य रेख़्तास, कबीर बीजक, सुक्निधान, मंगल, वसंत, सबदास, सखियाँ और पवित्र आगम हैं।कबीर दास की लेखन शैली और भाषा बहुत ही सरल और सुंदर है। उन्होंने अपने दोहों को बहुत ही साहस और स्वाभाविक रूप से लिखा था जो अर्थ और महत्व स...

  5. Jun 16, 2024 · 1. एकता और भाईचारा : कबीर का मानना था कि सभी मनुष्य एक ही परमात्मा की संतान हैं और उनमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों को एकता का संदेश दिया।. 2. सत्य और सरलता : कबीर ने सत्य और सरलता को जीवन का मूल मंत्र माना। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने विचारों और कर्मों में सत्यनिष्ठ होना चाहिए।. 3.

  6. संत कबीर दास का जीवन. संत-कवि कबीर दास का जन्म 15वीं शताब्दी के मध्य में काशी (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। कबीर के जीवन के विवरण ...

  7. Kabir Das Ka Jivan Parichay: संत कबीर दास 15वीं सदी में हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के सबसे प्रसिद्ध कवि, विचारक माने जाते हैं। इनका संबंध भक्तिकाल की ...

  8. Kabir Das Biography In Hindi. पूरा नाम – संत कबीरदास. अन्य नाम – कबीरा, कबीर साहब. जन्म सन – सन 1398 (विक्रमी संवत 1455 अंदाजित) जन्म भूमि – लहरतारा ताल, काशी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत. मृत्यु – सन1518 (विक्रमी संवत 1551अंदाजित) मृत्यु स्थान – मगहर, उत्तर प्रदेश, भारत. पिता का नाम – नीरू जुलाहे. माता का नाम – नीमा जुलाहे. गुरु – गुरु रामानंद जी.

  9. कबीरदास (kabirdas) जी निर्गुण, निराकार ब्रह्म के उपासक थे । उनकी रचनाओं में राम शब्द का प्रयोग हुआ है । निर्गुण ईश्वर की आराधना करते हुए भी कबीरदास महान समाज सुधारक माने जाते है । इनहोने हिन्दू और मुसलमान दोनों संप्रदाय के लोगों के कुरीतियों पर जमकर व्यंग किया ।. कबीरदास का कला पक्ष.

  10. कबीर ( अंग्रेज़ी: Kabir, जन्म- सन् 1398 काशी - मृत्यु- सन् 1518 मगहर) का नाम कबीरदास, कबीर साहब एवं संत कबीर जैसे रूपों में भी प्रसिद्ध है। ये मध्यकालीन भारत के स्वाधीनचेता महापुरुष थे और इनका परिचय, प्राय: इनके जीवनकाल से ही, इन्हें सफल साधक, भक्त कवि, मतप्रवर्तक अथवा समाज सुधारक मानकर दिया जाता रहा है तथा इनके नाम पर कबीरपंथ नामक संप्रदाय भी प...