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  1. रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्य की सारथी" है, हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। यह १९५२ में प्रकाशित हुआ था। इसमें कुल ७ सर्ग हैं, जिसमे कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है। रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और वफादारी की नयी भूमि पर खड़ा कर उसे गौरव से व...

  2. गोपनीयता नीति. रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर" - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू ...

  3. 1. हो गया पूर्ण अज्ञात वास, पाडंव लौटे वन से सहास, पावक में कनक-सदृश तप कर, वीरत्व लिए कुछ और प्रखर, नस-नस में तेज-प्रवाह लिये, कुछ और नया उत्साह लिये। तृतीय सर्ग का विडियो देखें. सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं।.

  4. en.wikipedia.org › wiki › RashmirathiRashmirathi - Wikipedia

    Rashmirathi (Rashmi: Ray of light Rathi: One who rides a chariot (not the charioteer) Rashmirathi: Rider of the chariot of light) is a Hindi epic written in 1952, by the Hindi poet Ramdhari Singh 'Dinkar'. The epic poem narrates the story of Karna, who is regarded as one of main protagonists of the Hindu epic- Mahabharata.

  5. प्रथम सर्ग ~ रश्मिरथी ~ रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वितीय सर्ग. शीतल, विरल एक कानन शोभित अधित्यका के ऊपर, कहीं उत्स-प्रस्त्रवण चमकते, झरते कहीं शुभ निर्झर।. जहाँ भूमि समतल, सुन्दर है, नहीं दीखते है पाहन, हरियाली के बीच खड़ा है, विस्तृत एक उटज पावन।. आस-पास कुछ कटे हुए पीले धनखेत सुहाते हैं, शशक, मूस, गिलहरी, कबूतर घूम-घूम कण खाते हैं।.

  6. Apr 3, 2024 · Rashmirathi is a Hindi epic written in 1952, by the Hindi poet Ramdhari Singh 'Dinkar'. The epic poem narrates the story of Karna, who is regarded as one of...

  7. Jan 1, 2001 · The rashmirathi (literally, ‘charioteer of the sunrays’) of the title is the tormented hero of the Mahabharat, Karna. The son of the then-unwed Kunti, abandoned by his mother out of fear of disgrace, is brought up by Radha, the wife of a charioteer.

  8. Read more about ramdhari singh dinkar, krishna ki chetavani, rashmirathi on amar ujala kavya. रामधारी सिंह दिनकर: याचना नहीं, अब रण होगा...

  9. Jan 1, 2009 · Rashmirathi. Ramdhari Singh Dinkar. Lokbharti Prakashan, Jan 1, 2009 - Hindi poetry - 175 pages. रश्मि: लाइट (किरण) रथी: रथ पर सवार होकर जो एक (रथवार नहीं) एक हिंदी महाकाव्य है, वह 1952 में हिंदी...

  10. रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्यकिरण रूपी रथ का सवार" है, हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। यह 1952 में प्रकाशित हुआ था। इसमें 7 सर्ग हैं। [1] इसमें कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है। रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और विश्वसनीयता की नयी भूमि पर खड़ा क...

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