Yahoo India Web Search

Search results

  1. Jan 20, 2024 · प्राण प्रतिष्‍ठा का हिंदू धर्म में विशेष महत्‍व है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘जीवन शक्ति की स्थापना’ यानी पूजा-अर्चना द्वारा किसी देवी या देवता की मूर्ति में जीवन शक्ति का संचार करना। प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद मूर्ति में देवी-देवताओं का वास माना जाता है और उसमें हमारी प्रार्थना स्‍वीकार करने की शक्ति आ जाती है। प्राण प्रतिष्‍ठा की प्रक्रिया को अनुष्‍...

    • Garima Shrivastava
  2. Jan 21, 2024 · जानिए क्या है प्राण प्रतिष्ठा की विधि? (Pran Pratishtha Vidhi) प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान देव प्रतिमा को कम से कम पांच पवित्र नदियों के जल से स्नान कराया जाता है. ऐसा यदि संभव नहीं हो...

    • support@india.com
  3. Jan 3, 2024 · Pran Pratishtha Importance: इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा क्या है? जानिए।

  4. Jan 18, 2024 · कपूर. प्राण प्रतिष्ठा क्या है. ज्योतिषियों के अनुसार, घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के दौरान प्रतिमा में भगवान की शक्तियों को प्रकाशमान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। कहा जाता है कि मूर्ति स्थापना के दौरान प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक होता है। प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भगवान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।.

    • Kaushik Sharma
  5. Nov 1, 2017 · सद्गुरु: प्रतिष्ठा का अर्थ है, ईश्वरत्व को स्थापित करना। प्रायः जब भी कोई स्थापना होती है, तो उसके साथ मंत्रों का जाप होता है, अनुष्ठान तथा अन्य प्रक्रियाएं होती हैं। अगर आप किसी आकार की स्थापना या प्रतिष्ठा मंत्रों के माध्यम से कर रहे हों, तो आपको उसे निरंतर बनाए रखना होगा। भारत में, पारंपरिक रूप से, हमें यह बताया जाता है कि घर में पत्थर की प्...

  6. Jan 21, 2024 · Ramlala Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के दौरान करें ये आरती, जानें भगवान श्रीराम के मंत्र. देश-विदेश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा को ...

  7. Dec 13, 2023 · प्रतिमा को गंगाजल या विभिन्न (कम से कम 5) नदियों के जल से स्नान कराएं। इसके पश्चात, मुलायम वस्त्र से मूर्ति को पोछें और देवी-देवता के रंग अनुसार नवीन वस्त्र धारण कराएं। अब प्रतिमा को शुद्ध एवं स्वच्छ स्थान पर विराजित करें और चंदन का लेप लगाएं। इसी समय मूर्ति विशेष का सिंगार करें और बीज मंत्रों का पाठ कर प्राण प्रतिष्ठा करें। इस समय पंचोपचार कर व...