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  1. फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी , जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।. जीवनी.

  2. फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ की जीवनी – Phanishwar Nath ‘Renu’ Biography Hindi. Phanishwar Nath ‘Renu’ प्रेमचंद के बाद के युग में आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे सफल और प्रभावशाली लेखकों में से एक थे।. वे ‘मैला आंचल’ के लेखक है जिसे प्रेमचंद के ‘गोदान’ के बाद सबसे महत्वपूर्ण हिंदी उपन्यास माना जाता है।.

  3. आज के आर्टिकल में हम हिंदी के चर्चित लेखक फणीश्वरनाथ रेणु(Fanishwar Nath Renu ka Jivan Parichay) के बारे में विस्तार से महत्त्वपूर्ण जानकारी पढेंगे , इनसे ...

  4. फणीश्वरनाथ रेणु (अंग्रेज़ी: Phanishwarnath 'Renu', जन्म: 4 मार्च, 1921 - मृत्यु: 11 अप्रैल, 1977) एक सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार थे। हिन्दी कथा साहित्य के ...

  5. Jul 25, 2022 · फणीश्वरनाथ रेणु: एक दूरदर्शी रचनाकार. 25 Jul, 2022 | संकर्षण शुक्ला. अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद देश के सामने असल समस्या यह थी कि इतने वर्षों से रुकी पड़ी विकास की गाड़ी को पटरी पर कैसे लाया जाए?

  6. 5 Min Read. हिंदी भाषा के प्रसिद्ध आंचलिक कथाकार व विचारक फणीश्वर नाथ रेणु ने अपनी लेखनी में हिंदी गद्य साहित्य की श्री वृद्धि की है। प्रेमचंद्र के "गोदान" के बाद फणीश्वर नाथ रेणु का "मैला आंचल" हिंदी साहित्य का महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है जिसे पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है।. जीवन परिचय (Phanishwar Nath Renu Life Introduction)

  7. फणीश्वर नाथ रेणु जीवनी – Biography of Phanishwar Nath 'Renu' in Hindi Jivani. रेणु को जितनी ख्याति हिंदी साहित्य में अपने उपन्यास मैला आँचल से मिली, उसकी मिसाल ...

  8. Apr 6, 2018 · फणीश्वरनाथ रेणु, हिंदी साहित्य के पूर्व- प्रेमचंद युग के एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी उपन्यासकार हैं। वह समकालीन ग्रामीण भारत की आवाज थे और मुख्यधारा हिंदी साहित्य के बीच में क्षेत्रीय आवाज लाने के...

  9. Oct 11, 2020 · मैला आंचल रेणुजी द्वारा रचित प्रसिद्ध उपन्यास है। इस उपन्यास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में भी चर्चा की जा रही है ताकि ...

  10. Phanishwar Nath Renu is best known for promoting the voice of the contemporary rural India through the genre of Aanchalik Upanyas ('regional story'), and is placed amongst the pioneering Hindi writers who brought regional voices into the mainstream Hindi literature.