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  1. पियक्कड़ों की आँखें इनकी ओर लगी हुई थीं और यह दोनों अपने दिल में मस्त गाए जाते थे। फिर दोनों नाचने लगे। उछले भी, कूदे भी। गिरे भी, मटके ...

  2. Dec 30, 2021 · कफ़न: मुंशी प्रेमचंद की कहानी. by फ़ेमिना Dec 30, 2021, 10:05 IST. लेखक: मुंशी प्रेमचंद. 1. झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीबी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी. रह-रहकर उसके मुंह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे.

  3. www.rekhta.org › stories › kafan-premchand-storiesकफ़न - Rekhta

    झोंपड़े के दरवाज़े पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने ख़ामोश बैठे हुए थे और अन्दर बेटे की नौजवान बीवी बुधिया दर्द-ए-ज़ेह से ...

  4. Feb 4, 2021 · Kafan is a famous story which was written by munshi premchand .

  5. Jul 28, 2022 · Table of Contents. कहानी परिचय (Story Introduction) कहानी का सारांश (Summary) कफ़न कहानी की समीक्षा (Review of story Kafan) कहानी का निष्कर्ष (Conclusion of Story) कफ़न कहानी का सारांश ...

  6. Kafan Story By Munshi Premchand - मुंशी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य के एक प्रमुख कहानीकार हैं जिनकी कहानियाँ जमीनी स्तर से जुड़ी हुई होती है। कफन उनकी ...

  7. संक्षिप्त परिचय: मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी ‘कफ़न’, एक छोटी कहानी है। यह कहानी २ गरीब आदमियों की ज़िंदगी के एक दिन पर आधारित है। ये २ लोग बहुत आलसी हैं और काम करना भी नहीं चाहते। यह इसीलिए कि काम करने वाले लोग भी बुरी हालत में ही होते हैं। तो ये थोड़ा बहुत खा पी कर ही खुश रहते हैं।.

  8. The Shroud (Kafan) by Premchand. translated from the Urdu and Hindi by Frances W. Pritchett. * (1a) * At the door of the hut father and son sat silently by a burnt-out fire; inside, the son's young wife Budhiya lay in labor, writhing with pain.

  9. Kafan is an epic hindi story written by munshi premchnd in the year 1936. This video is a dedication by manoj muntashir to munshi premchand whose 140th birthday had been celebrated on 31st...

  10. Jun 17, 2024 · मुंशी प्रेमचंद की कहानी : कफन | Kafan Premchand Story In Hindi. June 17, 2024 द्वारा लिखित Sweta Shrivastava. सर्दियों का समय था। एक झोपड़ी के दरवाजे पर बाप-बेटा बुझी हुई आग ...