Yahoo India Web Search

Search results

  1. May 27, 2024 · Yada Yada Hi Dharmasya in Hindi. यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक की विस्तृत व्याख्या (Yada Yada hi Dharmasya Hindi) श्री कृष्ण ने अपने मुख से सभी श्लोक को बताया है, जो श्रीमद्भागवत गीता में कही गई है। इसी श्रीमद्भागवत गीता के चौथे अध्याय के सातवें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि-

  2. Nov 24, 2022 · यह श्लोक हिन्दू ग्रंथ गीता का प्रमुख और प्रसिद्ध श्लोकों में से एक है। यह श्लोक गीता के अध्याय 4 का श्लोक 7 और 8 है। यह श्लोक का वर्णन ...

  3. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।. अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥7॥. यदा-यदा-जब-जब भी; हि-निश्चय ही; धर्मस्य-धर्म की; ग्लानिः-पतन; भवति होती है; भारत-भरतवंशी, अर्जुन; अभ्युत्थानम्-वृद्धि; अधर्मस्य-अधर्म की; तदा-उस समय; आत्मानम्-स्वयं को; सृजामि–अवतार लेकर प्रकट होता हूँ; अहम्–मैं।. Translation.

  4. Jun 9, 2023 · अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।” ऊपर दिए गए गीता के श्लोक में श्री कृष्ण यह कह रहे हैं कि धर्म की हानि जब जब इस धरती पर होगी और जब जब विनाश का काम होगा तथा अधर्म बढ़ेगा तब तक मैं धरती पर अवतार लेकर आता रहूंगा और धर्म की स्थापना करूंगा तथा अधर्म का नाश करूंगा।. परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।. धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे

  5. yada yada hi dharmasya glanir bhavati bharata abhyutthanam adharmasya tadatmanam srijamyaham Translation BG 4.7 : Whenever there is a decline in righteousness and an increase in unrighteousness, O Arjun, at that time I manifest Myself on earth.

  6. udyamena hi sidhyanti kāryāṇi na manorathaiḥ। na hi suptasya siṃhasya praviśanti mukhe mṛgāḥ।। Read shlok पिता यच्छति पुत्राय बाल्ये विद्याधनं महत्। पिताऽस्य किंं तपस्तेपे ...

  7. Sep 24, 2023 · “यदा यदा हि धर्मस्य” श्लोक का मतलब – yada yada hi dharmasya meaning; धर्म का महत्व; भगवद गीता का महत्व; yada yada hi dharmasya meaning; धर्म के विभिन्न आयाम; धर्म की स्थायिता