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  1. सांख्य दर्शन का एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त “त्रिगुण सिद्धान्त” है | इसमें मनुष्य के 3 गुणों का वर्णन है ,यथा 1.सतगुण (सदाचार,सत्य, विवेक, सौन्दर्य और सद्भावना आदि) , 2.रजो गुण (वासना,हिंसा, स्फूर्तिव, उग्रता, क्रियाशीलता इत्यादि ) तथा 3.तमस गुण (मूर्खता , उदासी, अप्रसन्नता आदि) | प्रकृति की अविकसित अवस्था में ये तीनों गुण सामान परिमाण में...

  2. भारतीय दर्शन के छः प्रकारों में से सांख्य (साङ्ख्य) भी एक है जो प्राचीनकाल में अत्यन्त लोकप्रिय तथा प्रथित हुआ था। यह अद्वैत वेदान्त ...

  3. Dec 21, 2022 · सांख्य दर्शन का परिचय (Sankhya Darshan Ka Parichay in Hindi) Introduction to Sankhya Philosophy in Hindi : इस लेख में हम दर्शनशास्त्र केटेगरी में सांख्य दर्शन का परिचय, सांख्य दर्शन में प्रकृति और पुरुष, सांख्य दर्शन के 25 तत्व (Sankhya Darshan Ke 25 Tatva in Hindi) आदि पर चर्चा करेंगें | षड्दर्शन में सांख्य दर्शन सबसे प्राचीन है | इसकी प्राचीनत...

  4. Aug 28, 2019 · सांख्य के अनुसार मोक्ष या कैवल्य की अवस्था में पुरुष या आत्मा अपने शुद्ध चैतन्य स्वरूप को ही अनुभव करती है। अविवेक या अज्ञान ही बंधन का कारण है। जब पुरुष को स्वरूप का ज्ञान होता है तो वह स्वयं को त्रिगुणात्मक प्रकृति और उसके विकारों से अलग शुद्ध चैतन्य स्वरूप समझने लगता है तब वह मुक्त हो जाता है।. समीक्षा.

  5. Aug 19, 2020 · कपिल मुनि कृत संख्या दर्शन ब्रह्ममुनि संस्कृत भाष्य सहित पूज्य स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक के द्वारा व्याख्या:-

  6. दर्शन शब्द का अर्थ भारतीय मनीषियों के उर्वर मस्तिष्क से जिस कर्म, ज्ञान और भक्तिमय त्रिपथगा का प्रवाह उद्भूत हुआ, उसने दूर-दूर के मानवों के आध्यात्मिक कल्मष को धोकर उन्हें पवित्र, नित्य-शुद्ध-बुद्ध और सदा स्वच्छ बनाकर मानवता के विकास में योगदान दिया है । इसी पतित पावनी धारा को लोग दर्शन के नाम से पुकारते हैं । अन्वेषकों का विचार है कि इस शब्द का...

  7. May 18, 2022 · सांख्य परिणामवाद को मानता है साथ ही यह सलार्थवाद का प्रतिपादन करता है। इनका मानना है कि कार्य वस्तुतः कारण मे विद्यमान रहता है। यदि ...