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  1. Manoj Muntashir Shayari. कयी रातों का मैं जागा हुआ था, ज़रा मौक़ा मिला तो सो गया हूँ … जो बाक़ी रह गए वो काम कर लूँ, मोहब्बत से तो फ़ारिग़ हो गया हूँ.. -मनोज मुंतशिर. मैं तुझसे प्यार नहीं करता. पर कोई ऐसी शाम नहीं. जब मैं आवारा सड़कों पर तेरा. इंतज़ार नहीं करता… -मनोज मुंतशिर. साफ दिखने लगेगी ये दुनिया. ऎनक आंखो से उतर जाएगी.

  2. Feb 2, 2023 · => 01 - टॉप Manoj Muntashir Shayari in Hindi With Images. सीने के उस कोने में भी तू है, जहाँ दिल होता है… इतना ज्यादा कोई किसी के अंदर दाखिल होता है..?? भागता फिरता हूँ मैं तुझसे, रोज़ सुबह से शाम तलक… फिर भी मेरी सांस-सांस में, तू ही शामिल होता है. कल सूरज सर पे पिघलेगा तो याद करोगे, कि माँ से घना कोई दरख़्त नहीं था… इस पछतावे के साथ कैसे जियोगे,

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    आज आग है कल हम पानी हो जायेंगे, आखिर में सब लोग कहानी हो जायेंगे. मनोज मुंतशिर लपक के चलते थे बिल्कुल सरारे जैसे थे, नये-नये थे तो हम भी तुम्हारे जैसे थे. मनोज मुंतशिर कश्तियाँ हमने जला दी है भरोसे पर तेरे अब यहाँ से नहीं लौट कर जाने वाले। मनोज मुंतशिर मैं अपनी गलियों से बिछड़ा मुझे ये रंज रहता है, मेरे दिल में मेरे बचपन का गौरी गंज रहता है. मनोज मु...

    मैं मनोज मुंतशिर हूँ मेरे जैसे सैकड़ो है मेरी शायरी पर चाहो तो ऐतराज करना ये जुबान मेरी दुनिया में सबसे बढकर मैं उर्दू बोलता हूँ इसका लिहाज करना. मनोज मुंतशिर ये गलत बात है कि लोग यहाँ रहते है, मेरी बस्ती में अब सिर्फ मकाँ रहते है, हम दिवानो का पता पूछना तो पूछना यूँ जो कही के नही रहते वो कहाँ रहते है. मनोज मुंतशिर

    हफ्ते में चार रातें तो ऐसी निकलती है जब यादें मेरे साथ छतों पर टहलती है तुम आज भी मेरी नही हो कल भी नही थी अफवाह है कि किस्मतें एक दिन बदलती है देखूँ तुम्हें तो पड़ती है दिल में जरा सी ठंड और फिर महीनों तक मेरी आँखे जलती है कब तक तेरी यादों से मैं परहेज करूंगा ये आरिया तो रोज मेरे दिल पे चलती है. मनोज मुंतशिर मैंने लहू के कतरे मिटटी में बोये है खुशब...

    पिछली कई सदियों से हमने अपने इतिहास की जमीने लावारिस छोड़ रखी है, हम इस हद तक ब्रेन ब्रेन वॉशड हो गये कि अचानक हमारी प्री-प्राइमरी स्कूल की टेक्स्ट बुक में ग से गणेश की जहग, ग से गधा लिख दिया गया और हमारे माथे पर बल तक नही पड़ा. मनोज मुंतशिर 1. मैं उस भारत से आता हूँ – मनोज मुन्तशिर

    इन दो लाइन शायरी को मैंने मनोज मुंतशिर की वेबसाइट manojmuntashir.com से लिया है. यह इसलिए बता रहा हूँ कि अगर आप भी लेखन में अपने करियर को बनाना चाहते है तो Manoj Muntashirकी बेहतरीन रचनाओं को पढ़े और उनके जीवन और संघर्ष के बारें में जाने. अच्छा लिखने के लिए इश्क हो जाना जरूरी है, बहुत अच्छा लिखने के लिए उस इश्क का खो जाना जरूरी है. मनोज मुंतशिर कभी ...

    अँधेरी रात नहीं लेती नाम ढलने का, यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का. मनोज मुंतशिर बयान सच के तराज़ू में तोलता हूँ मैं… तेरी ख़ुशी के लिए थोड़ी बोलता हूँ मैं ..!!! मनोज मुंतशिर

    हवा में घर बनाया था कभी जो, उसकी के सामने बेबस पड़ा हूँ… तुम्हारे भीं दरीचा कौन खोले कई जन्मो से मैं बाहर खड़ा हूँ…!!! मनोज मुंतशिर न दिन है न रात है… कोई तन्हा है न साथ है… जैसी आँखें वैसी दुनिया.. बस इतनी सी बात है. मनोज मुंतशिर

    कल सूरज सर पे पिघलेगा तो याद करोगे, कि माँ से घना कोई दरख़्त नहीं था… इस पछतावे के साथ कैसे जियोगे, कि वो तुमसे बात करना चाहती थी और तुम्हारे पास वक़्त नहीं था. मनोज मुंतशिर

    सीने के उस कोने में भी तू है, जहाँ दिल होता है… इतना ज्यादा कोई किसी के अंदर दाखिल होता है..? भागता फिरता हूँ मैं तुझसे, रोज़ सुबह से शाम तलक… फिर भी मेरी सांस-सांस में, तू ही शामिल होता है. मनोज मुंतशिर इसे भी पढ़े – 1. Amrita Pritam Poems in Hindi | अमृता प्रीतम की कवितायें 2. Romantic Love Shayari for Wife | पत्नी के दिल को छूने वाली शायरी 3. सफ़ल...

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  4. Mar 26, 2023 · Wo ladka aaj taro par khada hai. (manoj muntashir) Har faisala hota nhi sikka uchhal ke. Ye dil ka mamla hai jra dekh-bhal ke. mobilelo ke daur ke aashiko ko kya pta. Rakhte the kaise khat me kaleja nikal ke. (Manoj muntashir) Lahu aur ishq, rang dono ka fika ho nhi sakta.

  5. Mar 16, 2024 · 1. When it comes to dreaming, the sky is the limit! Manoj Muntashir Shayari. Joote phate pehenke akaash par chadhe the, Sapne humare har dum aukaat se bade the, Sar Kaatne se pehle dushman ne sir Jhukaaya, Jab dekha hum Nihatthe maidan mein Khade the. 2. Some people you cannot run away from.

  6. May 9, 2021 · 10 Best Shayari Of Manoj Muntashir On Mother’s Day. #1. लोग तारीफे करते हैं मेरी. कहते हैं सलीका है, तहजीब है, अदब है मुझमें. जो कुछ होना चाहिए वो सब है मुझमें. शुक्रिया मां तेरी जादूगरी ने कमाल दिखा दिया।. कुदरत मिट्टी को चमकना नहीं सिखा पाई तूने सिखा दिया।. #2. एक प्लेट में मिठाई के दो टुकड़े. तीन लोगों का परिवार. मुझे मीठा अच्छा नहीं लगता.