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  1. राष्ट्रीयता तथा गांधीवाद. मैथिलीशरण गुप्त के जीवन में राष्ट्रीयता के भाव कूट-कूट कर भर गए थे। इसी कारण उनकी सभी रचनाएं राष्ट्रीय ...

  2. बांग्ला से अनूदित : विरहिणी ब्रजांगना, पलासी का युद्ध, वीरांगना, मेघनाद वध, वृत्र संहार उनके समस्त रचनाकर्म को ‘मैथिलीशरण गुप्त ...

  3. गुप्त जी भारतीय संस्कृति ,वैष्णव भावना तथा राष्ट्र प्रेम के प्रतिनिधि कवी हैं .उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जातीय निर्माण का मन्त्र उद्घोषित किया है .सोयी हुई जनता को आपने निरंतर जगाने का प्रयास किया है .लोगों का ध्यान अतीत के गौरव और पूर्वजों की ओर आकृष्ट करते हुए वे कहते हैं - सबकी नसों मे पूर्वजों का पुण्य रक्त प्रवाह हो,

  4. कुछ प्रमुख कृतियाँ. साकेत, यशोधरा, जयद्रथ वध, पंचवटी, अर्जन-विसर्जन, काबा-करबला. विविध. मैथिलीशरण गुप्त जी की बहुत-सी रचनाएँ रामायण और ...

  5. Dec 12, 2023 · साहित्यिक जीवन परिचय. मैथिलीशरण गुप्त के जीवन में राष्ट्रीयता के भाव कूट – कूट कर भरे थे. इसी कारण उनकी सभी रचनाएं राष्ट्रीय विचारधारा से ओत – प्रोत हैं. राष्ट्र कवि गुप्त जी की प्रारभिक शिक्षा इनके अपने गाँव में ही संपन्न हुईं. इन्होंने मात्र 9 वर्ष की आयु में शिक्षा छोड़ दी थी.

  6. Apr 19, 2020 · मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt in Hindi) नोटः-1. विषयवस्तु की दृष्टि से गुप्त की इन रचनाओं को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है- (क) ’राम’ संबंधी काव्य- साकेत, पंचवटी, प्रदक्षिणा. (ख) ’कृष्ण’ संबंधी काय- द्वापर. (ग) ’वैष्णव’ भक्ति संबंधी काव्य- विष्णुप्रिया (चैतन्य महाप्रभु से संबंधित)

  7. जन्म स्थान – चिरगाँव (झाँसी) पिता – सेठ रामचरण गुप्त. शिक्षा – नवीं कक्षा तथा स्कूल में, फिर घर पर. काव्यगत विशेषताएँ – राष्ट्रप्रेम, नारी का महत्त्व, कलापक्ष और भावपक्ष का समन्वय. भाषा – सरल, शुद्ध, प्रवाहमयी खड़ी बोली. शैली – प्रबन्धात्मक, उपदेशात्मक, गीति नाट्य भावात्मक. रचनाएँ – मौलिक, अनूदित.