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  1. en.wikipedia.org › wiki › ThulasidasThulasidas - Wikipedia

    Thulasidas is an Indian film and serial director who works in the South Indian film industry, predominantly in Malayalam cinema.

  2. en.wikipedia.org › wiki › TulsidasTulsidas - Wikipedia

    Tulsidas - Wikipedia. Rambola Dubey ( Hindi pronunciation: [rɑːməboːlɑː d̪ubeː]; 11 August 1511 – 30 July 1623 [1] ), known as Tulsidas ( Sanskrit pronunciation: [tʊlsiːdaːsaː] ), [2] was a Vaishnava ( Ramanandi) Hindu saint and poet, renowned for his devotion to the deity Rama.

    • जन्म
    • बचपन
    • भगवान श्री राम जी से भेंट
    • संस्कृत में पद्य-रचना
    • रामचरितमानस की रचना
    • मृत्यु
    • तुलसी-स्तवन
    • रचनाएँ
    • इन्हें भी देखें
    • बाहरी कड़ियाँ

    गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्मस्थान विवादित है। अधिकांश विद्वानों, अंतर्साक्ष्यों व राजकीय साक्ष्यों (‘स्टेटिस्टिकल डिस्क्रिप्टिव एंड हिस्टोरिकल अकाउंट ऑफ़ द नॉर्थ-वेस्टर्न प्रोविंसेस ऑफ़ इंडिया, वॉल्यूम-I, बुंदेलखंड, इलाहाबाद-1874’ व ‘द इंपीरियल गजेटियर ऑफ़ इंडिया, वॉल्यूम-XI, पाली टू रतिया, सेकंड एडिशन, लंदन-1886’ व ‘इंपीरियल गजेटियर ऑफ़ इंडिया, प्...

    भगवान की प्रेरणा से शूकरक्षेत्र सोरों में रहकर पाठशाला चलाने वाले गुरु नृसिंह चौधरी ने इस रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूँढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीदास रखा। गुरु नृसिंह चौधरी ने ही इन्हें रामायण, पिंगलशास्त्र व गुरु हरिहरानंद ने इन्हें संगीत की शिक्षा दी। तदोपरान्त बदरिया निवासी दीनबंधु पाठक की विदुषी पुत्री रत्नावली से संव...

    कुछ काल राजापुर रहने के बाद वे पुन: काशी चले गये और वहाँ की जनता को राम-कथा सुनाने लगे। कथा के दौरान उन्हें एक दिन मनुष्य के वेष में एक प्रेत मिला, जिसने उन्हें हनुमान ‌जी का पता बतलाया। हनुमान ‌जी से मिलकर तुलसीदास ने उनसे श्रीरघुनाथजी का दर्शन कराने की प्रार्थना की। हनुमान्‌जी ने कहा- "तुम्हें चित्रकूट में रघुनाथजीदर्शन होंगें।" इस पर तुलसीदास जी...

    संवत् १६२८ में वह हनुमान जी की आज्ञा लेकर अयोध्या की ओर चल पड़े। उन दिनों प्रयाग में माघ मेला लगा हुआ था। वे वहाँ कुछ दिन के लिये ठहर गये। पर्व के छः दिन बाद एक वटवृक्ष के नीचे उन्हें भारद्वाज और याज्ञवल्क्य मुनि के दर्शन हुए। वहाँ उस समय वही कथा हो रही थी, जो उन्होने सूकरक्षेत्र में अपने गुरु से सुनी थी। माघ मेला समाप्त होते ही तुलसीदास जी प्रयाग ...

    संवत्‌ १६३१ का प्रारम्भ हुआ। दैवयोग से उस वर्ष रामनवमी के दिन वैसा ही योग आया जैसा त्रेतायुग में राम-जन्म के दिन था। उस दिन प्रातःकाल तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस की रचना प्रारम्भ की। दो वर्ष, सात महीने और छ्ब्बीस दिन में यह अद्भुत ग्रन्थ सम्पन्न हुआ। संवत्‌ १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्षमें राम-विवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये। इसके बाद भगवान...

    तुलसीदास जी जब काशी के विख्यात् घाट असीघाट पर रहने लगे तो एक रात कलियुगमूर्त रूप धारण कर उनके पास आया और उन्हें पीड़ा पहुँचाने लगा। तुलसीदास जी ने उसी समय हनुमान जी का ध्यान किया। हनुमान जी ने साक्षात् प्रकट होकर उन्हें प्रार्थना के पद रचने को कहा, इसके पश्चात् उन्होंने अपनी अन्तिम कृति विनय-पत्रिका लिखी और उसे भगवान के चरणों में समर्पित कर दिया। श...

    तुलसीदास जी की हस्तलिपि अत्यधिक सुन्दर थी लगता है जैसे उस युग में उन्हें कैलोग्राफी की कला आती थी। उनके जन्म-स्थान सोरों के तुलसीपीठ में श्रीरामचरितमानसके बालकाण्ड व अरण्यकांड की एक-एक प्रति सुरक्षित रखी हुई है।

    अपने ११२ वर्ष के दीर्घ जीवन-काल में तुलसीदास ने कालक्रमानुसार निम्नलिखित कालजयी ग्रन्थों की रचनाएँ कीं - इनमें से रामचरितमानस, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली जैसी कृतियों के विषय में किसी कवि की यह आर्षवाणी सटीक प्रतीत होती है - पश्य देवस्य काव्यं, न मृणोति न जीर्यति।अर्थात देवपुरुषों का काव्य देखिये जो न मरता न पुराना होता है। लगभग साढ़े चार सौ व...

  3. Tulsidas (born 1543?, probably Rajapur, India—died 1623, Varanasi) was an Indian Vaishnavite (devotee of the deity Vishnu) poet whose principal work, the Hindi Ramcharitmanas (“Sacred Lake of the Acts of Rama”), remains the most-popular version of the story of Rama.

    • The Editors of Encyclopaedia Britannica
  4. Jun 13, 2024 · Tulsidas was a Hindu poet-saint counted amongst the greatest poets in Hindi, Indian, and world literature. He was renowned for his devotion to Lord Rama and is best known as the author of the epic ‘Ramcharitmanas’, a retelling of the Sanskrit ‘Ramayana’ based on Rama's life in the vernacular Awadhi.

    • Thulasidas1
    • Thulasidas2
    • Thulasidas3
    • Thulasidas4
  5. Tulsidas, the author of Ramcharitmanas was born in Rajpur in the Banda district of Uttar Pradesh in the 16th century. Tulsidas is considered to be an incarnation of Valmiki, the sage who composed the original Ramayana, and is counted among the foremost devotees of Lord Rama.

  6. People also ask

  7. Feb 5, 2019 · Goswami Tulsidas is widely considered to be one of the greatest poets in India and Hinduism. He is best known as the author of the epic Ramcharitmanas —an adaptation of the Ramayana . So profound is his reputation for Hindus that he is widely believed by some to be the incarnation of Valmiki, the author of the Ramayana.