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सविनय अवज्ञा आन्दोलन, ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा चलाये गए जन आन्दोलन में से एक था। 1929 ई. तक भारत को ब्रिटेन के इरादे पर शक़ होने लगा कि वह औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने की अपनी घोषणा पर अमल करेगा कि नहीं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन (1929 ई.)
Nov 3, 2022 · सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य नमक कर एवं उपनिवेशी शासन का विरोध करना था। इस आंदोलन को दांडी मार्च, नमक सत्याग्रह एवं नमक मार्च के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा गांधी इस आंदोलन के माध्यम से देश को ब्रिटिश सरकार से आजादी दिलाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने 11 सूत्रीय निम्नलिखित कार्यों की सूची तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इर्विन को प्रेषित की थी:-
असहयोग (नॉन कॉपरेशन)आंदोलन का आरंभ. असहयोग आंदोलन 1 अगस्त 1920 में औपचारिक रूप से शुरू हुआ था और बाद में आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के ...
Mar 21, 2023 · The Savinay Avagya Andolan, or the Civil Disobedience Movement, was a defining moment in Indian history. It demonstrated the power of non-violent resistance and brought together people from different backgrounds in a united struggle for freedom.
31 दिसंबर 1929 की आधी रात को, कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) ने लाहौर में रावी के तट पर भारत का तिरंगा झंडा फहराया। गांधी और ...
Unit-25 सविनय अवज्ञा आंदोलन : 1930-1934. Issue Date: 2017. Publisher: IGNOU. URI: http://hdl.handle.net/123456789/19514. Appears in Collections: Block-5 राष्ट्रवाद : दो विश्व युद्धों के दौरान-2.
Oct 1, 2021 · सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) October 1, 2021 Dr. Jai Prakash. Table of Contents. सविनय अवज्ञा आंदोलन. आंदोलन की पृष्ठभूमि. कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन. नमक सत्याग्रह. दांडी मार्च: नागरिक अवज्ञा आंदोलन का आरंभ. नमक सत्याग्रह का प्रसार. धरासना सत्याग्रह. पूर्वी भारत. बंगाल. गुजरात. मध्य प्रांत, महाराष्ट्र और कर्नाटक. असम.