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  1. सुमित्रानंदन पंत ( 20 मई 1900 - २८ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ...

  2. सुमित्रानंदन पंत ( अंग्रेज़ी: Sumitranandan Pant, जन्म: 20 मई 1900; मृत्यु: 28 दिसंबर, 1977) हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था...

  3. सुमित्रानंदन पन्त का जीवन परिचय | Sumitranandan Pant Biography, Poems and Awards in Hindi. हिंदी साहित्य का भारतीय इतिहास में अमूल्य योगदान रहा हैं.

  4. सार जंगल में त्वि ज / सुमित्रानंदन पंत. श्रेणियाँ: सुमित्रानंदन पंत - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है ...

  5. निधन : 28 दिसंबर 1977 | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश. ‘प्रकृति के सुकुमार कवि’ सुमित्रानंदन पंत का जन्म बागेश्वर ज़िले के कौसानी (वर्तमान ...

  6. Jan 4, 2024 · सुमित्रानंदन पंत की रचनाएँ (poems of Sumitranandan pant in hindi ) काव्य का शीर्षक – मोह छोड़ द्रुमों की मृदु-छाया, तोड़ प्रकृति से भी माया, बाले!

  7. Sep 16, 2023 · Sumitranandan Pant Biography in Hindi में इनके जन्म, माता-पिता, पत्नी, शिक्षा, कविता, रचनाएं, कृतियां, मृत्यु आदि के बारे में बताया है।

  8. सुमित्रानंदन जीवनी - Biography of Sumitranandan Pant in Hindi Jivani. Published By : Jivani.org. सुमित्रानंदन पंत का जन्म अल्मोड़ा (उत्तर प्रदेश) के कैसोनी गाँव में 20 मई 1900 को हुआ ...

  9. Mar 18, 2018 · सुमित्रानंदन पंत कवि परिचय – Sumitranandan Pant Biography in Hindi. Table of Contents. जीवनकाल – 20 मई 1900- 28 दिसम्बर 1977. जन्म-स्थान – ग्राम कौसानी, उत्तराखंड. मृत्यु-स्थान – इलाहाबाद में. अन्य नाम – गुसाई दत्त, रामाणर्यानुज. दर्शन – अरविंद दर्शन. उपाधि –. प्रकृति के सुकुमार कवि. छायावाद का प्रतिनिधि कवि – आचार्य शुक्ल.

  10. उनकी प्रमुख रचनाएं हैं- ”वीणा”, “पल्लव”, “ग्रन्थों”, “गुंजन”, ”युगान्तर”, ”युगवाणी”, “ग्राम्या” ”स्वर्ण किरण” “स्वर्ण धूलि” “उत्तरा व युगपथ” । उनकी रचनाओं को चार भागों में बांटा जा सकता है: 1. प्राकृतिक सौन्दर्यवादी रचनाएं, 2. यथार्थवादी रचनाएं, 3. अन्तश्चेतनावादी रचनाएं, 4. नवमानवतावादी रचनाएं ।.

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